विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सक्रिय हुई सीबीआइ
अदालत से प्रत्यर्पण अनुरोध हासिल करने के बाद सीबीआइ ने इसे कूटनीति चैनल के मार्फत ब्रिटेन को भेज दिया है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज करने की ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के आश्वासन के बाद सीबीआइ ने लंदन में रह रहे विजय माल्या को वापस लाने का प्रयास तेज कर दिया है। इस सिलसिले में सीबीआइ ने औपचारिक रूप से ब्रिटेन से माल्या के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। पिछले महीने थेरेसा मे के भारत के दौरे के समय बातचीत के दौरान विजय माल्या और ललित मोदी जैसे वांछित अपराधियों की सूची सौंपी गई थी। ईडी पहले ही विजय माल्या की भारत में स्थित लगभग 6600 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है।
दरअसल, दो मार्च को विदेश भाग जाने के बाद विजय माल्या जांच एजेंसियों की नोटिस के बावजूद पूछताछ के लिए नहीं आए। इसके बाद ईडी और सीबीआइ दोनों की ओर से अदालत में उन्हें भगोड़ा घोषित करा दिया गया। अब सीबीआइ ने विशेष अदालत के मार्फत प्रत्यर्पण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। अदालत से प्रत्यर्पण अनुरोध हासिल करने के बाद सीबीआइ ने इसे कूटनीति चैनल के मार्फत ब्रिटेन को भेज दिया है। देखना यह है कि ब्रिटेन प्रत्यर्पण के अनुरोध पर कितनी तेजी से कार्रवाई करता है।
सरकार ललित मोदी और विजय माल्या को भारत लाने को गंभीर
दरअसल सीबीआइ पर विजय माल्या के विदेश भागने से रोकने में विफल रहने का आरोप लगा है। नवंबर 2015 में पहले सीबीआइ ने विजय माल्या के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। इससे विजय माल्या के विदेश जाने की स्थिति में आव्रजन विभाग हवाई अड्डे पर ही रोक लेता। लेकिन एक महीने बाद ही उस सकुर्लर को बदल दिया और आव्रजन विभाग को सिर्फ माल्या के विदेश आने-जाने की जानकारी देने को कहा गया। इसका फायदा उठाते हुए दो मार्च को माल्या ब्रिटेन चले गए।
विजय माल्या पर बैंकों के 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर जानबूझकर नहीं लौटाने का आरोप है। बैंकों ने इस मामले में माल्या के खिलाफ सीबीआइ में एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जांच कर रहा है। इस कानून के तहत ईडी विजय माल्या की लगभग 6600 करोड़ रूपये की संपत्ति अभी तक जब्त कर चुका है।