Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों के मामले की सुनवाई पूरी, 9 जून को फैसला, पढ़ें सरकार को क्या दिया निर्देश

रेलवे ने 3 जून तक 4228 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चलाई हैं। लगभग एक करोड़ लोग अपनी मंजिल तक पहुंचे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:25 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों के मामले की सुनवाई पूरी, 9 जून को फैसला, पढ़ें सरकार को क्या दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों के मामले की सुनवाई पूरी, 9 जून को फैसला, पढ़ें सरकार को क्या दिया निर्देश

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों के पलायन के मामले पर सुनवाई पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रखते हुए मंगलवार, 9 जून को आदेश देने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि हम सभी मजदूरों को वापस पहुंचाने के लिए 15 दिन दे सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य हमें बताएं कि जो लोग घर वापस लौट रहे हैं उन्हें रोजगार देने का क्या इंतजाम है।

loksabha election banner

वहीं, सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि रेलवे ने 3 जून तक 4,228 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चलाई हैं। उन्‍होंने कहा कि ट्रेन और सड़क मार्ग से 1 करोड़ लोगों को घर भेजा गया है। बताया कि अभी राज्य सरकारों ने 171 ट्रेन का अनुरोध कर रखा है। अनुरोध मिलने के 24 घंटे के भीतर ट्रेन का बंदोबस्त किया जा रहा है। वहीं, महाराष्ट्र ने सिर्फ 1 ट्रेन का अनुरोध किया है। अभी तक महाराष्ट्र से 802 ट्रेनें चली है।

कितने मजदूर भेजे और कितने वापस लाए

मजदूरों को घर वापस भेजने पर महाराष्ट्र ने बताया कि लगभग 11 लाख मजदूरों को हम वापस भेजा जा चुके हैं। 38,000 को भेजना बाकी है। गुजरात ने कहा- 22 लाख में से 20.5 लाख लोगों को वापस भेजा गया।

दिल्ली सरकार ने कहा कि 2 लाख लोग ऐसे हैं जो यहीं रहना चाहते हैं। सिर्फ 10 हजार अपने राज्य लौटने की इच्छा जता रहे हैं। यूपी की तरफ से कहा गया कि हम लोगों से किराया नहीं ले रहे। 104 ट्रेन चलाई गई। 1.35 लाख लोगों को अलग-अलग साधन से वापस भेजा।

यूपी ने बताया कि 1664 श्रमिक ट्रेन से 21 लाख 69 हज़ार लोगों को वापस लाया गया। दिल्ली सीमा से बस के जरिए 5.5 लाख लोगों को वापस लाए। बिहार की तरफ से कहा गया कि 28 लाख लोग वापस आए। सरकार उन्हें रोजगार देना चाहती है। 10 लाख लोगों की स्किल मैपिंग की गई है।

राज्यों की बात सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट

राज्यों की बात सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य गांव और प्रखंड के स्तर पर अपने यहां वापस लौटे मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करें। उन्हें रोजगार देने की व्यवस्था करें। उनकी परेशानी दूर करने के लिए काउंसिलिंग भी करें। कोर्ट ने कहा कि हमें लगता है राज्यों को 15 दिन का समय देना पर्याप्त होगा। वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इस मसले पर राज्य जिस तरह की सहायता मांगेंगे, दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.