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देश में सालाना 20 करोड़ क्लोरोक्वीन टैबलेट बनाने की क्षमता, बड़ी तादाद में आपात स्टॉक की है जरूरत

हाल ही में कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन की जरूरत को देखते हुए भारत सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 07:32 PM (IST)
देश में सालाना 20 करोड़ क्लोरोक्वीन टैबलेट बनाने की क्षमता, बड़ी तादाद में आपात स्टॉक की है जरूरत
देश में सालाना 20 करोड़ क्लोरोक्वीन टैबलेट बनाने की क्षमता, बड़ी तादाद में आपात स्टॉक की है जरूरत

राजीव कुमार, नई दिल्ली। कोरोना वायरस इलाज के लिए देश में क्लोरोक्वीन गोली की कोई कमी नहीं है और निर्यात होने की स्थिति में भी घरेलू स्तर पर इसकी उपलब्धता में कोई कमी नहीं आएगी।

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फार्मा इंडस्ट्री बॉडी इंडियन ड्रग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार मदान के मुताबिक हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन की गोली (टैबलेट) बनाने के लिए जरूरी एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रिडिएंट्स (एपीआई) की देश में सालाना उत्पादन क्षमता 40 टन की है। इससे सालाना 20 करोड़ हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन गोली बनाई जा सकती है। पिछले दो-चार सालों के दौरान देश में हाइड्रोक्सो क्लोरोक्वीन गोली की औसतन सालाना खपत 2.4 करोड़ रही है। यानी कि घरेलू जरूरत की पूर्ति के बाद लगभग 13 करोड़ अतिरिक्त गोली बनाने की क्षमता है। एसोसिएशन के मुताबिक जरूरत पड़ने पर एपीआई की 40 टन की क्षमता को 60 टन के स्तर तक आसानी से लाया जा सकता है और अतिरिक्त 10 करोड़ गोली का उत्पादन किया जा सकता है।

10 करोड़ हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन गोली के आपात स्टॉक की है जरूरत

फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन दिनेश दुआ ने बताया सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए 10 करोड़ हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन की गोली का आपात कोटा रखने के लिए कहा है जबकि हमारी क्षमता इसके मुकाबले काफी अधिक है। उन्होंने बताया कि काउंसिल ने वाणिज्य मंत्रालय से कहा है कि चीन से हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन के कच्चे माल को एयरलिफ्ट करने की इजाजत मिल जाती है तो वे काफी कम समय में काफी अधिक संख्या में हाइड्रोक्सोक्लोक्वीन बना सकते हैं। ऐसे में, हमारे पास घरेलू खपत के बाद भी निर्यात के लिए बड़ी संख्या में हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन की गोली उपलब्ध होगी जिससे भारत इस संकट के समय कई देशों की मदद कर सकता है।

अमेरिका समेत दो दर्जन से अधिक देशों ने भारत से की मांग

हाल ही में कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन की जरूरत को देखते हुए भारत सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। लेकिन अमेरिका समेत दो दर्जन से अधिक देशों ने भारत से हाइड्रोक्सोक्लोक्वीन देने की मांग की है। हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन के निर्यात की फिर से इजाजत देने की जानकारी विदेश मंत्रालय की तरफ से दिया गया है। दुआ कहते हैं, इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय की तरफ से न तो कोई अधिसूचना जारी की गई है और न ही निर्यातकों को कोई जानकारी दी गई है। फार्मा एक्सपोर्ट काउंसिल का यह भी कहना है कि हाइड्रोक्सोक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगने से पहले ही कई देशों से निर्यात के ऑर्डर मिल चुके थे और उनको निर्यात करने पर रोक नहीं लगाई गई है। अमेरिका व अन्य देशों को भी इसके तहत निर्यात किए जा सकते हैं।


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