Move to Jagran APP

कुष्ठ रोग को तलाक का आधार नहीं बनाने को कैबिनेट ने किया बिल मंजूर

भारत में तलाक के लिए कुष्ठ रोग को आधार बनाने को प्रतिबंधित किया जाएगा।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 07:37 AM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 08:07 AM (IST)
कुष्ठ रोग को तलाक का आधार नहीं बनाने को कैबिनेट ने किया बिल मंजूर

नई दिल्ली (प्रेट्र)। केंद्रीय कैबिनेट ने एक नया बिल पारित किया है। इसके तहत कुष्ठ रोग को तलाक लेने का आधार नहीं बनाया जा सकता है। पर्सनल लॉज (संशोधन) बिल, 2018 के तहत ईसाइयों के तलाक अधिनियम, मुस्लिम विवाह अलगाव अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम, विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू गोद लेने और गुजारा भत्ता अधिनियम में संशोधन करके तलाक के लिए कुष्ठ रोग को आधार बनाने को प्रतिबंधित किया जाएगा।

loksabha election banner

कानून मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक इन कानूनों में तलाक लेने के लिए कुष्ठ रोग को आधार बनाने का प्रावधान था। चूंकि जब यह कानून बने थे तब तक कुष्ठ रोग एक लाइलाज बीमारी थी। चूंकि अब कुष्ठ रोग कई तरह की दवाओं से पूरी तरह से ठीक हो सकता है, इसलिए किसी भी कानून के तहत कुष्ठ रोगी से अलगाव का प्रावधान किसी भी तरह से उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव में दस्तखत कर रखे हैं जिसमें कुष्ठ रोग के पीड़ित से किसी भी स्तर पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र व राज्य सरकारों से कहा था कि कुष्ठ रोग से प्रभावित पीड़ितों का पुनर्वास किया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.