नई दिल्ली, पीटीआई। नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने मंगलवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया गया वित्त वर्ष 2023-24 का आम बजट भारतीय कंपनियों का पूंजीगत खर्च घटाने में मदद करेगा। विरमानी ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किए जाने से देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
बजट में समावेशी विकास के सभी पहलू
विरमानी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय समेकन पर बने रहने की बात कही है। ऐसी स्थिति में जब बड़े स्तर पर वैश्विक अनिश्चितता बनी हुई हो, वित्त मंत्री की बात बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका प्रभाव भारतीय कंपनियों के लिए उपलब्ध ब्याज दरों पर पड़ेगा।
विरमानी ने कहा कि 2023-24 के बजट में समावेशी विकास के सभी पहलू हैं। कुछ राज्यों की ओर से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से लागू करने के सवाल पर विरमानी ने कहा कि नई पेंशन योजना एक बड़ा सुधार है। जो कोई भी इसके विपरीत कहता है, मेरे मन में उनके लिए कोई सम्मान नहीं हो सकता है।
ओपीएस के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार की ओर से दी जाती थी, जिसे एनडीए सरकार ने 2003 में एक अप्रैल, 2004 से बंद कर दिया था। नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान देते हैं, जबकि सरकारें 14 प्रतिशत योगदान करती हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ओपीएस को फिर से लागू करने को मंजूरी दे चुके हैं।
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