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Budget 2022: वर्ष 2025 तक सभी गांवों को इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य, जानें- इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

Budget 2022 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि 2025 तक सभी गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट पहुंचा दिया जाएगा। शहरों की तरह गांवों में मिलेंगी सभी प्रकार की ई-सेवाएं। पीपीपी माडल पर हर गांवों को दी जाएगी ब्राडबैंड कनेक्टिविटी।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 06:44 PM (IST)
Budget 2022: वर्ष 2025 तक सभी गांवों को इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य, जानें- इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
बजट 2022 : 2025 तक सभी गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट पहुंच जाएगा। (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहर की तरह गांवों में भी सभी प्रकार की ई-सेवाएं मुहैया कराने के लिए अब निजी-सरकारी सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर ब्राडबैंड कनेक्टिविटी दी जाएगी। इस काम के लिए यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) का इस्तेमाल किया जाएगा। यूएसओएफ के तहत टेलीकाम कंपनियों से सालाना वसूली जाने राशि का पांच फीसद इस काम में खर्च किया जाएगा। बजट घोषणा के मुताबिक वर्ष 2025 तक सभी गांवों में ब्राडबैंड इंटरनेट पहुंचाने का काम पूरा किया जाएगा।

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गांवों को ब्राडबैंड इंटरनेट से जोड़ने की कोशिश जारी

भारतनेट परियोजना के तहत पिछले सात साल से देश के सभी गांवों को ब्राडबैंड इंटरनेट से जोड़ने की कोशिश जारी है, लेकिन किसी न किसी कारण से इस परियोजना को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। 15 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 1000 दिन सभी गांवों में आप्टिकल फाइबर के माध्यम से ब्राडबैंड इंटरनेट सुविधा पहुंचाने की एलान किया था। गांवों में आप्टिकल फाइबर पहुंचाने के लिए आगामी वित्त वर्ष में पीपीपी मोड के तहत टेंडर जारी किया जाएगा। अब तक बीएसएनएल और कामन सर्विस सेंटर के जरिए गांवों में आप्टिकल फाइबर को पहुंचाने का काम किया जा रहा था।

गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवा मिलने से ही लाभ

टेलीकाम इक्विपमेंट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने बताया कि सिर्फ आप्टिकल फाइबर बिछाने से काम नहीं चलेगा, क्योंकि गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवा मिलने से ही गांवों में ई-कामर्स व अन्य ई-सेवा हासिल की जा सकेंगी। दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि उन आप्टिकल फाइबर का रखरखाव भी जरूरी है। नहीं तो कुछ दिनों के बाद सारी सेवाएं ध्वस्त होने लगेंगी।

महत्वपूर्ण बातें

  • पीपीपी माडल के तहत यह देखना होगा कि निजी कंपनियां अपनी इंटरनेट सेवा गांवों के घरों को देती हैं या उनके घर तक ब्राडबैंड केबल पहुंचाती हैं।
  • देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायत हैं और ग्राम पंचायत तक केबल पहुंचाने का काम पूरा हो गया है।
  • अब ग्राम पंचायत से उसे गांवों के घर तक ले जाने का काम किया जाना है और उनकी गुणवत्ता को बेहतर करना है। इस काम को ही अगले 2025 तक पूरा किया जाना है।
  • डिजिटल इंडिया अभियान को देखते हुए सभी गांवों में ब्राडबैंड कनेक्शन सबसे जरूरी चीज है क्योंकि मोबाइल फोन के इंटरनेट कनेक्शन से गांवों को पूरी तरह से डिजिटल नहीं बनाया जा सकता है।

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