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    Budget 2021 : देश में खुलेंगे 15 हजार आदर्श स्कूल, 100 नए सैनिक स्कूलों की भी सौगात

    By Neel RajputEdited By:
    Updated: Mon, 01 Feb 2021 05:14 PM (IST)

    निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के पंद्रह हजार से ज्यादा स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल करेंगे जिससे देश में शिक्षा की गुणवता को मजब ...और पढ़ें

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    देश में खुलेंगे 100 नए सैनिक स्कूल

    नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन के प्रस्ताव के क्रियान्वयन के लिए इस साल विधेयक पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि बजट 2019-20 में मैंने भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग गठित करने का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि सरकार इसे क्रियान्वित करने के लिए इस वर्ष विधान पेश करेगी। उन्होंने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह एक शीर्ष निकाय होगा जिसमें मानक बनाने, प्रत्यायन एवं मान्यता, विनियमन एवं वित्त पोषण के लिये चार अलग-अलग घटक होंगे।

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    सीतारमण ने कहा, 'हमारे कई शहरों में विभिन्न अनुसंधान संस्थान, विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो सरकार के समर्थन से चलते हैं। जैसे कि हैदराबाद, जहां तकरीबन 40 मुख्य संस्थान हैं। इसी तरह नौ अन्य शहरों में हम इसी तरह का एक समग्र ढांचा खड़ा करेंगे जिससे इन संस्थानों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें, साथ ही इनकी स्वायत्ता बरकरार रह सके।

    उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए एक विशिष्ट अनुदान की शुरुआत की जाएगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के पंद्रह हजार से ज्यादा स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल करेंगे जिससे देश में शिक्षा की गुणवता को मजबूत किया जा सके और वे अपने क्षेत्र के लिए बेहतर स्कूल के उदाहरण के रूप में उभर सकें। वित्त मंत्री ने कहा कि सौ नए सैनिक स्कूलों की स्थापना एनजीओ/निजी स्कूलों/राज्यों के साथ साझेदारी में की जाएगी। उन्होंने लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिए लेह में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गठन का प्रस्ताव रखा।

    वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार जनजाति क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल आवसीय स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय ने कहा, 'मेरा प्रस्ताव ऐसे स्कूलों की इकाई लागत को 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये करने का है और पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों के लिये इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।' उन्होंने कहा कि इससे हमारे जनजातीय विद्यार्थियों के लिये आधारभूत सुविधा के विकास में मदद मिलेगी। सीतारमण ने कहा कि हमने अनुसूचित जाति के कल्याण के लिये पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का पुनरुद्धार किया है। हमने इस संबंध में केंद्र की सहायता में भी वृद्धि की है। उन्होंने कहा, 'हम अनुसूचित जाति के चार करोड़ विद्यार्थियों के लिये 2025-26 तक की छह वर्षो की अवधि के लिए 35,219 करोड़ रुपये का आवंटन कर रहे हैं।'