खाट पर वृद्धा को बैंक तक आने पर मजबूर करने वाला शाखा प्रबंधक को किया गया निलंबित
दैनिक जागरण और उसके सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया ने दिल को झकझोर देने वाली इस खबर को सचित्र सोमवार के अंक में प्रकाशित किया। इसके बाद नुआपाड़ा जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया।
नुआपड़ा, जेएनएन। Jan Dhan account ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में करीब 100 साल की वृद्धा को जनधन की राशि के लिए बैंक आने पर मजबूर करने वाले उत्कल ग्रामीण बैंक बरगांव के शाखा प्रबंधक अजीत कुमार प्रधान को निलंबित कर दिया गया है। बैंक प्रबंधक की अमानवीयता के कारण वृद्धा को खाट पर लिटा कर उसकी 70 वर्षीय बेटी किसी तरह खींचते हुए बैंक तक लेकर गई थी।
दैनिक जागरण और उसके सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया ने दिल को झकझोर देने वाली इस खबर को सचित्र सोमवार के अंक में प्रकाशित किया। इसके बाद नुआपाड़ा जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया। कलेक्टर के आदेश पर बैंक के शाखा प्रबंधक को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है।
वृद्धा की मदद के लिए भारत स्वाभिमान ट्रस्ट आया आगे
उधर, 100 साल की वृद्धा लाभो की मदद के लिए भारत स्वाभिमान ट्रस्ट आगे आया है। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट नुआपाड़ा के संगठन मंत्री आचार्य सुदर्शन देव और उनकी टीम वृद्धा के गांव पहुंची। ट्रस्ट के लोगों ने वृद्धा को डेढ़ हजार रुपये नगद राशि, एक माह का राशन और कोरोना से बचने के लिए मां-बेटी दोनों को मॉस्क, किट प्रदान की। साथ ही गांव के दो और बुजुर्ग महिलाओं को पांच-पांच सौ रुपये की सहायता राशि प्रदान की। इसके अलावा गांव की 20 से अधिक महिलाओं में साड़ी का वितरण किया।
बता दें कि 11 जून की सुबह 9:30 बजे पूंजीमती शिखा अपनी मां लाभो बाग को खाट में खींचते हुए उत्कल ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखा ले गई। लॉकडाउन के दौरान राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार जनधन खाताधारी गरीबों को प्रतिमाह 500 रपये दे रही है। तीन माह में 100 वर्षीया लाभो बाग के खाते में डेढ़ हजार रुपये जमा हो गए थे। इन रुपयों को लेने जब पूंजीमती बैंक पहुंची तो कर्मियों ने यह कहकर लौटा दिया कि हितग्राही के बैंक आने पर ही पैसे दिए जाएंगे। पूंजीमती ने उन्हें बताया भी कि शतायु मां बीमार हैं। उन्हें बैंक लाना संभव नहीं है। पार्षद हुमायूं बघेल ने भी हस्तक्षेप किया पर बात नहीं बनी।