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Covid Vaccine: 'कोविशील्ड की सतर्कता डोज सबसे ज्यादा कारगर', वैक्सीन को लेकर रिपोर्ट में किया गया यह खुलासा

तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज और आंध्र प्रदेश के हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर स्टडी की। यह स्टडी लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित हुई है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaPublished: Wed, 25 Jan 2023 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 03:55 PM (IST)
Covid Vaccine: 'कोविशील्ड की सतर्कता डोज सबसे ज्यादा कारगर', वैक्सीन को लेकर रिपोर्ट में किया गया यह खुलासा
'कोविशील्ड की सतर्कता डोज सबसे ज्यादा कारगर', वैक्सीन को लेकर रिपोर्ट में किया गया यह खुलासा

नई दिल्ली, पीटीआई। कोरोना महामारी के दौरान जीवनदायिनी साबित हुई वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर एक स्टडी सामने आई है। इस स्टडी में दावा किया गया है कि कोविशील्ड की सतर्कता डोज का रिजल्ट सर्वश्रेष्ठ रहा। भारत में ही कोरोना वैक्सीन पर एक स्टडी की गई और फिर ये लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित हुई है।

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इस स्टडी में बताया गया कि भले ही किसी व्यक्ति ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की प्राथमिक डोज ली हो लेकिन कोविशील्ड की बूस्टर डोज का रिस्पांस सबसे ज्यादा बेहतरीन रहा। क्योंकि कोविशील्ड ने शरीर में बेहतर बाध्यकारी और कार्यात्मक एंटीबॉडी का उत्पादन किया है।

सतर्कता डोज की बढ़ी मांग

भारत में बूस्टर डोज को सतर्कता डोज का नाम दिया गया है। दरअसल, कोरोना के लगातार स्वरूप बदलने की वजह से लोगों से सतर्कता डोज लेने की अपील की गई। इसके अलावा नए स्वरूप बीएफ-7 ने चीन में सबसे ज्यादा तबाही भी मचाई है। ऐसे में सतर्कता डोज लेने वालों की संख्या में भी इजाफा दिखाई दिया।

तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज और आंध्र प्रदेश के हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने यह स्टडी की। जिसमें उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन अभियान में सबसे ज्यादा कोविशील्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया गया।

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वैक्सीन स्टडी में इतने लोगों ने लिया हिस्सा

200 प्रतिभागियों के साथ कोविशील्ड जबकि 204 प्रतिभागियों के साथ कोवैक्सीन के प्राइमेड ग्रुप के साथ स्टडी की गई। जिसमें कहा गया कि हेटेरोलॉगस कोवैक्सीन आर्म में सतर्कता डोज के 28 दिनों बाद सीरो पॉजिटिविटी 99 प्रतिशत थी और ये होमोलॉगस कोविशील्ड आर्म से कम नहीं थी, जो 99 फीसदी ही थी।

स्टडी में आगे दावा किया कि हेटेरोलॉगस कोवैक्सीन की सतर्कता डोज के बाद 28वें दिन एंटी-स्पाइक एंटीबॉडी का जियोमेट्रिक मीन कंसंट्रेशन (GMC) 36,190.78 एयू/एमएल था। जबकि होमोलॉगस कोविशील्ड की सतर्कता डोज के बाद जीएमसी 97,445.09 एयू/एमएल था।

सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध हुई कोविशील्ड की सतर्कता डोज

स्टडी में कहा गया कि हेटेरोलॉगस कोविशील्ड आर्म में सतर्कता डोज के 28 दिनों बाद सीरो पॉजिटिविटी 100 प्रतिशत थी और होमोलॉगस कोविशील्ड आर्म 99 प्रतिशत ही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, होमोलॉगस कोवैक्सीन बूस्ट की तुलना में हेटेरोलॉगस कोविशील्ड की सतर्कता डोज के बाद जीएमसी 241,681.6 एयू/एमएल था। स्टडी में कहा गया कि किसी भी ग्रुप में संबंधित गंभीर घटनाओं की कोई सूचना नहीं थी। स्टडी में पाया गया कि कोवैक्सीन की शुरुआती डोज के बाद हेटेरोलॉगस कोविशील्ड के साथ मूल्यांकन किए गए चार संयोजनों में से सर्वश्रेष्ठ इम्यून सिस्टम प्रदान करती है।

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