महाभारत राजधर्म की सहज व्याख्या, बताया राजा में कौन-कौन से गुण होने चाहिए
लेखक ने महाभारत के विभिन्न पर्वों में आदर्श राजा से जुड़े संदर्भों को संकलित कर उनकी सरल शब्दों में व्याख्या की है। उनमें एक आदर्श राजा के गुणों यथा-उसके कर्तव्य मर्यादा सीमा और दृढ़ता आदि का विस्तार से वर्णन है।
प्रणव सिरोही। भारत के इतिहास में महाभारत का एक विशिष्ट महत्व है। इस महायुद्ध के छिड़ने के मूल में अन्याय था। वह अन्याय स्वयं उस राजगद्दी से किया था, जिस पर न्याय सुनिश्चित करने का दायित्व था। यही कारण है कि आज भी पथभ्रष्ट राजा को 'धृतराष्ट्र' और उसके अन्याय से उपजने वाली आशंकित अप्रिय स्थितियों को 'महाभारत छिड़ने' जैसे रूपकों से रूपांकित किया जाता है। स्वाभाविक है कि महाभारत का वृत्तांत यही बताता है कि एक आदर्श राजा में कौन-से गुण होने चाहिए और उसे किन भावों से मुक्त होना चाहिए। इन्हीं बिंदुओं को जोड़कर प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने 'भारत में राजा : महाभारत में राजत्व का परिप्रेक्ष्य' पुस्तक की रचना की है।
लेखक ने महाभारत के विभिन्न पर्वों में आदर्श राजा से जुड़े संदर्भों को संकलित कर उनकी सरल शब्दों में व्याख्या की है। उनमें एक आदर्श राजा के गुणों यथा-उसके कर्तव्य, मर्यादा, सीमा और दृढ़ता आदि का विस्तार से वर्णन है। ऐसे ही गुणों के समुच्चय को 'राजधर्म' की संज्ञा दी गई है। उसे ही राजा के सर्वांगीण विकास का महामंत्र बताया है। इस संदर्भ में भीष्म पितामह कहते हैैं, 'राजा के धर्मों में सभी त्यागों का दर्शन होता है। राजधर्म में संपूर्ण विद्याओं का सुयोग सुलभ है तथा राजधर्म में संपूर्ण लोकों का समावेश हो जाता है।' यहां तक कि राजा के मोक्ष का आधार भी राजधर्म को माना है।
सहज भाषा एवं समृद्ध विषयवस्तु वाली यह पुस्तक प्राचीन भारतीय राजत्व एवं राजधर्म की अवधारणा को समर्पित एक अकादमिक प्रस्तुति है, जो भारत की प्राचीन परंपराओं से उनकी व्युत्पत्ति, विकास और स्वरूप से साक्षात्कार कराती है। साथ ही भारतीय राजा को पाश्चात्य राजतंत्र के समकक्ष रखने की सुनियोजित धारणाओं को भी ध्वस्त करती है। आज भले ही देश में राजशाही न हो, लेकिन राजा के जिन गुणों का इस पुस्तक में उल्लेख है वह समकालीन लोकतांत्रिक शासकों के लिए भी उतने ही उपयोगी हैैं।
पुस्तक: भारत का राजा-महाभारत में राजत्व का परिप्रेक्ष्य
लेखक: प्रो. संजीव कुमार शर्मा
प्रकाशक: भारत शोध संस्थान
मूल्य: 100 रुपये