बोइंग ने भारत को सौंपा पहला चिनूक हेलिकॉप्टर, बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत;जानिए खासियत
First Chinook Helicopter to India, अमेरिका के फिलाडेल्फिया में बोइंग ने भारत को पहले चिनूक हेलिकॉप्टर की खेप आधिकारिक रूप से सौंप दी है। चिनूक से बढ़ेगी वायुसेना की ताकत।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय वायुसेना को और मजबूती देने के लिए 'चिनूक हेलिकॉप्टर' जल्द ही वायुसेना के बेड़े में शामिल हो सकते हैं। अमेरिका के फिलाडेल्फिया में बोइंग ने भारत को पहले चिनूक हेलिकॉप्टर की खेप आधिकारिक रूप से सौंप दी है। ट्रांसफर सेरेमनी के मौके पर विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग के अधिकारियों ने अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रींगला को चिनूक हेलिकॉप्टर सौंपा। इस अवसर पर DGAO एयरमार्शल ए देव सहित एयरफोर्स के कई अधिकारी भी उपस्थित थे।
साल 2015 में भारत ने बोइंग को 22 AH-64E अपाचे हेलिकॉप्टर और 5 CH-47F(I) ट्रांसपोर्ट चिनूक हेलिकॉप्टर का आर्डर दिया था। जानकारी के मुताबिक, भारत को ये सभी हेलिकॉप्टर इस साल के अंत तक मिल जाएंगे। अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर और चिनूक ट्रांसपोर्ट CH-47F(I) के नए मॉडल एयरफोर्स के बेड़े में शामिल होकर और मज़बूती प्रदान करेंगे। बोइंग के मुताबिक, अपाचे की गिनती दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू हेलिकॉप्टर के रूप में होती है। दूसरी तरफ, चिनूक हेलिकॉप्टर की खूबी बहुत ऊंचाई पर उड़ान भरने की है। चिनूक हेलिकॉप्टर भारी-भरकम सामान को ऊंचाई पर आसानी से पहुंचा सकता है। अमेरिकी सेना लंबे समय से अपाचे और चिनूक दोनों हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है। दोनों हेलिकॉप्टर विश्व में कई देश इस्तेमाल करते हैं।
विश्व में भारत अपाचे का इस्तेमाल करने वाला 14वां और चिनूक का इस्तेमाल करने वाला 19वां देश होगा। 2018 में बोइंग ने भारतीय वायुसेना के चार पायलटों और चार फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी। अमेरिका के डेलावेर में चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भारतीय यह ट्रेनिंग दी गयी थी।