उत्तराखंड को लेकर भाजपा में कवायद तेज
भाजपा को विश्वास है कि उत्तराघंड में हरीश रावत सरकार से बगावत कर अयोग्य घोषित नौ विधायक वोटिंग न भी कर पाएं तो कम से कम 33 विधायक प्रस्ताव के विरोध में खड़े दिखेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तराखंड में मंगलवार को होने वाले विश्वास प्रस्ताव को लेकर जहां राजनीतिक दलों की धड़कनें तेज हैं, वहीं भाजपा अंदरूनी तौर पर सरकार गठन की तैयारी करने लगी है। पार्टी को विश्वास है कि हरीश रावत सरकार से बगावत कर अयोग्य घोषित नौ विधायक वोटिंग न भी कर पाएं तो कम से कम 33 विधायक प्रस्ताव के विरोध में खड़े दिखेंगे।
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद दावेदारों की दौड़ में खड़े भगत सिंह कोशियारी और प्रदेश से आने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी रविवार को पत्रकारों से रूबरू थे। कोशियारी ने कहा 'प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने से पहले भी मैंने कहा था कि वहां यह अवश्यंभावी है। मैं फिर से विश्वास के साथ कहता हूं कि मंगलवार को कांग्रेस चारो खाने चित होगी। जिस तरह वहां अभी भी खरीद बिक्री जारी है और कांग्रेस के विधायकों को भी साथ खड़े रहने के लिए रिश्वत की पेशकश की जा रही है उससे साफ है कि हरीश रावत को बचे हुए कांग्रेस विधायकों के बीच भी विश्वास हासिल नहीं है।' हालांकि उन्होंने भाजपा की भावी रणनीति पर कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरूर स्पष्ट कर दिया कि चुनाव की बजाय भाजपा सरकार बनाने जा रही है।
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सूत्रों के अनुसार बसपा, यूकेडी और निर्दलीयों के छह विधायकों का समूह भाजपा के संपर्क में है। दरअसल, स्टिंग मामले में उलझे रावत और सीबीआइ से पूछताछ के समन के बाद उस समूह में बेचैनी है। कांग्रेस के अंदर फिलहाल उन्हें रावत की जगह कोई ऐसा स्वीकार्य और लोकप्रिय चेहरा भी नहीं दिख रहा है जिसके नेतृत्व में आगे बढ़ा जा सकता है। उत्तराखंड का चुनाव भी बहुत दूर नहीं है। तकनीकी रूप से भाजपा वैसे भी फिलहाल सबसे बड़ी पार्टी है हालांकि उन्हें अपने ही एक विधायक को लेकर आशंका भी है। लेकिन ऐसी ही आशंका कांग्रेस खेमे मे भी देखी जा रही है। कांग्रेस के कुछ विधायक और खासकर रेखा आर्या कुछ दिन पूर्व कोशियारी के दिल्ली आवास पर आई थीं। कोशियारी ने इसे स्वीकार भी किया। हालांकि उन्होंने साथ ही जोड़ा कि उनके आवास पर तो हरीश रावत भी आते हैं। भाजपा के एक सूत्र का कहना है कि रविवार तक ऐसे 32 विधायक सामने हैं जो रावत के विश्वास मत के खिलाफ वोट डालेंगे। मंगलवार तक यह संख्या बढ़ भी सकती है।
बताते हैं कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से विश्वास मत के नतीजों की घोषणा में रावत सरकार गिरती है तो अगले ही दिन भाजपा की ओर से सरकार गठन का दावा किया जा सकता है।