Coronavirus: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने CM ममता को लिखा पत्र, कहा- बंगाल में कोई जगह नहीं है सुरक्षित
बंगाल के अधिकारी धापा में कार्यरत थानेदार व केंद्रीय पर्यवेक्षक टीम के साथ तैनात बीएसएफ के जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे यह साफ है कि राज्य का कोई भी इलाका अब सुरक्षित नहीं
राज्य ब्यूरो,कोलकाता: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार पर कोरोना संक्रमण के मामले में पूरी तरह से असफल रहने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि बंगाल में कोई जगह अब सुरक्षित नहीं रहा है। बंगाल के अधिकारी, धापा में कार्यरत थानेदार व केंद्रीय पर्यवेक्षक टीम के साथ तैनात बीएसएफ के जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे यह साफ है कि राज्य का कोई भी इलाका अब सुरक्षित नहीं है। राज्य सरकार बंगाल में 4 रेड जोन की बात कही थी, जबकि केंद्र सरकार ने 10 रेड जोन की बात कही है। इससे यह भी साबित हो जाता है कि राज्य सरकार ने एक दिन में एक लाख लोगों को कोरेंटाइन में भेजा है। इनकी संख्या 50 हजार से बढ़कर 1.50 लाख हो गई है। इससे भी स्पष्ट है कि राज्य की स्थिति ठीक नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के तहत बंगाल के किसानों को 1691 करोड़ रुपये मिलते। उसी तरह से आयुष्मान भारत योजना के तहत बंगाल के लोगों को 4500 करोड़ रुपये मिलते। उन्होंने कहा कि राशन वितरण में भी भ्रष्टाचार हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि 275 दुकानों को सील किया गया है। 25 डीलर को गिरफ्तार किया गया है। भाजपा पहले से ही कह रही है कि राशन वितरण में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए चावल को बदल दिया जा रहा है। उन्होंने लोगों के घर-घर राशन पहुंचाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी और चिकित्सक नहीं पहुंच रहे हैं। यह जरूरी है कि स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन दोगुने किए जाए। दूसरे राज्यों से लौटने वालों के किराए में 15 फीसद राज्य सरकार को देने की आलोचना किए जाने पर घोष ने कहा कि राज्य सरकार को भी अपनी भूमिका वहन करना होगा। दूसरे राज्यों के श्रमिकों की वापसी पर घोष ने कहा कि एक साथ सभी श्रमिकों की वापसी ठीक नहीं है, क्योंकि इससे डेढ़ माह के दौरान जो लॉकडाउन से फायदा हुआ है, उससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि हाल में उन्होंने स्वर्ण कारीगरों के संगठनों के साथ बातचीत की थी। इससे पता चला कि बंगाल के 25,000 कारीगर राज्य के बाहर रहते हैं। एक साथ सारे श्रमिक जो बंगाल से बाहर रहते हैं, अगर वापस लौटते हैं तो उससे स्थिति बिगड़ सकती है। राज्यपाल द्वारा पत्र दिए जाने पर घोष ने कहा कि राज्यपाल जो बातें कह रहे हैं, वहीं बात हम सब भी लंबे समय से कह रहे हैं। राज्यपाल संवैधानिक प्रधान हैं तथा वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी रह चुके हैं। कानून के मामले में उनकी जानकारी किसी भी मंत्री या तृणमूल नेता से कम नहीं है।
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कोरोना से मौत होने पर डॉक्टरों को प्रमाण पत्र देना चाहिए, कमेटी जरूरी नहींः दिलीप घोष
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: देश के अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में कोरोना के कारण मृत्यु दर बहुत अधिक है, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह बातें कही। राज्य के बहुत सारे लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, कई लोग अपने शरीर में वायरस लेकर घूम रहे हैं। यदि पर्याप्त परीक्षण होते, तो वास्तविक जानकारी ज्ञात होती। दिलीप ने कोरोना के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित डेथ अॉडिट कमेटी की स्वीकार्यता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना से मृत्यु हो जाती है, तो उसके डॉक्टर को मृत्यु प्रमाण पत्र देना चाहिए। अॉडिट कमेटी की कोई आवश्यकता नहीं है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने एक बार फिर शिकायत की कि राज्य सरकार संक्रमितों के बारे में वास्तविक जानकारी नहीं दे रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य द्वारा कोरोना संक्रमण के बारे में दी गई जानकारी में विसंगति है। पूरे देश के संदर्भ में कोरोना की मृत्यु दर बंगाल में सबसे अधिक है।राज्य में स्थिति को देखने के लिए हाल ही में केंद्रीय टीम ने राज्य का दौरा किया। टीम ने पूरी स्थिति के बारे में राज्य को एक पत्र लिखा जब वे वापस लौटे हैं।
घोष ने कहा कि केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार को कोरोना उपचार से संबंधित कई अनियमितताओं के बारे में बताया है। राज्य भाजपा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह राज्य में हालात देखने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजे। हालांकि, रविवार को राज्य में एक और केंद्रीय दल के आने की उम्मीद है। न केवल पश्चिम बंगाल में बल्कि कई अन्य राज्यों में भी केंद्रीय प्रतिनिधि स्थिति पर नजर रखेंगे। पता चला है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी केंद्र की उस टीम में होंगे।
कोरोना रोकने में राज्य सरकार विफलःविजयवर्गीय
कोलकाताः भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर कोरोना रोकथाम में बंगाल सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया है कि राज्य सरकार इस महामारी के रोकथाम और लोगों की सुरक्षा के मुद्दे पर काफी गैर जिम्मेदार है। सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट किया है। इसमें विजयवर्गीय ने लिखा है कि केंद्रीय पर्यवेक्षक दल को ममता जी की सरकार द्वारा कोई सपोर्ट नही किया गया, जबकि उन्होंने गृह, स्वास्थ्य, नगर विकास, खाद्य आपूर्ति विभाग के मुख्य सचिवों को कई पत्र लिखे, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला। यह गैर जिम्मेदाराना बर्ताव है।