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अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम: इटली की कोर्ट में गूंजा 'सिग्नोरा' गांधी का नाम

इटली की कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड के प्रमुख जिउसेपे ओरसी को भारत में नेताओं व अफसरों को रिश्वत देने का दोषी पाया है। उस समय भारत में यूपीए सरकार का शासन था।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 26 Apr 2016 10:08 PM (IST)Updated: Wed, 27 Apr 2016 01:29 PM (IST)
अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम: इटली की कोर्ट में गूंजा 'सिग्नोरा' गांधी का नाम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के शासन के दौरान 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की 3600 करोड़ रुपये की खरीद में कांग्रेस बुरी तरह फंस गई है। इटली की कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड के प्रमुख जिउसेपे ओरसी को भारत में नेताओं और अफसरों को रिश्वत देने का दोषी पाया और उन्हें साढ़े चार साल कैद की सजा हुई है। इटली की अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि इस घोटाले में भारतीय बिचौलियों को 120 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई।

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सरकार की ओर से राज्यसभा में इस मुद्दे को बुधवार को सुब्रह्मण्यम स्वामी उठाएंगे। सोमवार को यह मुद्दा लोकसभा में मीनाक्षी लेखी ने शून्यकाल में उठाया था। मंगलवार को यह मुद्दा भाजपा संसदीय समिति में भी उठा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे। बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को यह साबित करने की चुनौती दी कि हेलीकाप्टर घोटाले में उसके कोई नेता शामिल नहीं हैं। प्रसाद ने कहा, रिश्वत देने वालों पर दोष साबित हुआ है, तो अब रिश्वत लेने वाले चुप क्यों हैं? प्रसाद ने कहा कि भाजपा संसद में इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगी।

सामने आए कांग्रेस नेताओं के नाम

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इटली की कोर्ट ने फैसले में बताया है कि किस तरह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके सहयोगी तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायण और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने कंपनी ने लॉबिंग की। सोनिया को इसमें 'ड्राइविंग फोर्स' बताया गया। फैसले के पेज नंबर 225 में बताया गया कि सोनिया के राजनीतिक सचिव को सौदा पूरा कराने के लिए 15 से 16 यूरो मिलियन (17-18 मिलियन डॉलर) दिए गए। अदालत में अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के प्रमुख ने बताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को लगभग 120 करोड़ रुपये की घूस दी थी। अदालती फैसले की पृष्ठ संख्या 225 में हाथ से लिखे उन कागजों को भी संलग्न किया गया, जिसमें लेन-देन की रकम का उल्लेख है। इसमें दर्ज एपी को माना जा रहा है कि ये अहमद पटेल हैं। वहीं फैमिली शब्द का अर्थ तत्कालीन एयरफोर्स प्रमुख एसपी त्यागी बताया गया है।

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फैसला कब आया और उसमें क्या

8 अप्रैल को मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स ने इस मामले पर फैसला दिया। यह भारतीय हाईकोर्ट के समकक्ष है।-कोर्ट ने पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी दोषी माना है। इस फैसले में त्यागी पर 17 पृष्ठ हैं। त्यागी 2005-07 के दौरान वायु सेना प्रमुख थे और तभी इटली से समझौता हुआ था।-फैसले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम चार बार आया। इसमें सीधे 'सोनिया गांधी' की जगह 'सिग्नोरा गांधी' कहा गया है। 'सिग्नोरा' का मतलब है 'श्रीमती'। फैसले में उस वक्त प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेताओं- अहमद पटेल और ऑस्कर फर्नाडीस के साथ तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन का भी जिक्र है।-साल 2013 में अगस्ता वेस्टलैंड के अधिकारी गुसिप उर्सी की लिखी चिट्ठी में मनमोहन सिंह का जिक्र है। उर्सी भ्रष्टाचार के आरोपों में इस वक्त जेल में बंद है।

अभी रहस्य खोलने होंगे

इटली की अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर कंपनी के प्रमुख ओरसी और हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को घूस देने का दोषी माना है। ओरसी को साढ़े चार साल की कैद की सजा मिली है।-फैसले में 15 मार्च, 2008 का एक पत्र भी संलग्न है, जिसमें क्रिस्टियन मिशेल नाम के एक बिचौलिए का नाम भी है। उसने फिनमैकानिका कंपनी के तत्कालीन सेल्स तथा लाइजनिंग प्रमुख (भारत) पीटर ह्यूलेट को यह पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया कि भारत में डील पूरी करने के लिए सोनिया गांधी का राजी होना जरूरी है। सोनिया एमआइ-8 हेलीकॉप्टर्स में उड़ना पसंद नहीं करती हैं।

फैसले में मिशेल के हाथों से लिखे उन दस्तावेजों को भी शामिल किया गया है जिनमें 30 मिलियन यूरो राशि बतौर कमीशन दिए जाने का विवरण है। इसमें बताया गया है कि एयरफोर्स अधिकारियों को 6 मिलियन यूरो तथा रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारियों को 8.4 मिलियन यूरो दिए गए थे। दस्तावेज के अनुसार यह रकम डायरेक्टर जनरल एक्विजिशन, रक्षा सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को दी गई थी।-कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि भारत के रक्षा मंत्रालय ने तथ्यों को सामने लाने में लापरवाही बरती।


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