Move to Jagran APP

'वोट फॉर इंडिया' नारे को घर-घर पहुंचाएगी भाजपा

विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा ने अब मिशन 2014 के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। मंगलवार को केंद्रीय चुनाव अभियान समिति और संसदीय बोर्ड की बैठक में आम चुनावों की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। रविवार को मुंबई में नरेंद्र मोदी के दिए नारे 'वोट फॉर इंडिया' को पार्टी हर घर तक पहुंचाने की योजना पर मुहर लगा सकती है। इसके साथ ही चुनाव के पहले और बाद में जुटने वाले सहयोगियों पर भी विचार हो सकता है। पार्टी की कोशिश जनवरी के अंत तक लगभग 100 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने की होगी।

By Edited By: Published: Mon, 23 Dec 2013 08:33 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2013 10:15 PM (IST)
'वोट फॉर इंडिया' नारे को घर-घर पहुंचाएगी भाजपा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा ने अब मिशन 2014 के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। मंगलवार को केंद्रीय चुनाव अभियान समिति और संसदीय बोर्ड की बैठक में आम चुनावों की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। रविवार को मुंबई में नरेंद्र मोदी के दिए नारे 'वोट फॉर इंडिया' को पार्टी हर घर तक पहुंचाने की योजना पर मुहर लगा सकती है। इसके साथ ही चुनाव के पहले और बाद में जुटने वाले सहयोगियों पर भी विचार हो सकता है। पार्टी की कोशिश जनवरी के अंत तक लगभग 100 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने की होगी।

loksabha election banner

आम चुनाव का मुख्य नारा 'वोट फॉर इंडिया' मोदी ने मुंबई में दे दिया। मंगलवार को संसदीय बोर्ड और भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक के अलावा चुनाव अभियान समिति की भी बैठक होगी। एक जैसा काम करने वाली समितियों को एक साथ किया जा सकता है जबकि कुछ अहम जिम्मेदारियां निभाने वाली समितियों को स्वतंत्र रखा जाएगा।

चुनाव समिति की बैठक में वोट फॉर इंडिया नारे को आम जनता से जोड़ने की तैयारियों पर विचार होगा। कोशिश है कि इस नारे को लेकर फरवरी के अंत तक उन 350 लोकसभा क्षेत्रों में हर घर तक पार्टी कार्यकर्ता पहुंच जाएं, जिन्हें सर्वाधिक प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया है। पार्टी के अनुसार ये लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कमल खिलाया जा सकता है।

इसके साथ ही बैठक में चुनाव के पहले नए सहयोगियों की तलाश पर भी विचार किया जाएगा। इसके तहत कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस येद्दयुरप्पा की पार्टी में वापसी पर चर्चा हो सकती है। दरअसल कर्नाटक भाजपा के सर्वाधिक प्राथमिकता वाली सूची में है। पिछली बार यहां भाजपा को सबसे अधिक 28 में 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। येद्दयुरप्पा की वापसी का विरोध कर रहे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को इसके लिए मनाने की कोशिशें हो चुकी हैं और बताया जाता है कि उनका रुख कुछ नरम हुआ है। कर्नाटक के साथ ही झारखंड, केरल, आंध्रप्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों में संभावित सहयोगियों पर भी चर्चा होगी।

पढ़ें: उत्तर प्रदेश में 'आप' की आहट से सहमी भाजपा

वैसे मिशन 2014 की गाड़ी असली रफ्तार जनवरी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद के बैठक के बाद ही पकड़ेगी। 17, 18 और 19 जनवरी को होने वाली बैठक के बाद जहां प्रत्याशियों को चुनने का काम शुरू हो जाएगा, वहीं नरेंद्र मोदी का चुनाव प्रचार भी सघन हो जाएगा। मोदी, जो अभी हर हफ्ते एक रैली कर रहे हैं, उनकी संख्या दो तक जा सकती है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.