सीटों के गणित में 'उलझे' भाजपाई दिग्गज
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा के दिग्गज अलग-अलग राग अलाप रहे हैं। मतदान से पहले एकजुट दिखने की कोशिश करने वाले ये दिग्गज अब अलग-अलग बातें कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल लगातार कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी को मिले मतों का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल लग रहा है, इसलिए अभी से
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा के दिग्गज अलग-अलग राग अलाप रहे हैं। मतदान से पहले एकजुट दिखने की कोशिश करने वाले ये दिग्गज अब अलग-अलग बातें कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल लगातार कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी को मिले मतों का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल लग रहा है, इसलिए अभी से यह भविष्यवाणी नहीं की जा सकती कि पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल पाएगा या नहीं। गोयल का अनुमान है कि पार्टी को बहुमत के लिए आवश्यक 36 सीटों के आसपास ही सीटें मिल पाएंगी। उनका कहना है कि यदि बहुमत नहीं मिला तो दूसरे दलों से संपर्क किया जाएगा। गोयल ने यह बात बृहस्पतिवार को भी कही थी और शुक्रवार को भी प्रदेश कार्यालय में मौजूद पत्रकारों से उन्होंने यही बात कही। वहीं, दूसरी ओर भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन ने यह मानने से स्पष्ट इन्कार कर दिया है कि भाजपा को बहुमत नहीं मिलेगा। हर्षवर्धन ने दावे के साथ कहा कि भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा और सरकार बनाने के लिए उन्हें किसी भी दल की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि हर्षवर्धन गोयल के बयान पर कुछ भी कहने से बचते रहे।
गौरतलब है कि चुनाव के पहले से ही गोयल और हर्षवर्धन अलग-अलग राह चलते रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच तल्खी तब और ज्यादा बढ़ गई थी, जब पार्टी ने हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। हालात बगावत तक पहुंच गए थे, लेकिन पार्टी के केंद्रीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद हालात सुधरे और गोयल ने नाराजगी छोड़ कर पार्टी हित में काम करने की बात कही। हालांकि, इसके बाद भी कुछ मुद्दों पर गोयल व हर्षवर्धन ने अलग-अलग बातें कहीं, इस पर पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दिल्ली के प्रभारी नितिन गडकरी सहित केंद्रीय नेताओं को भी कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा। राज्य भाजपा के कई उम्मीदवारों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से शिकायत की है कि चुनाव के दौरान उन्हें भितरघात का सामना करना पड़ा है। हालांकि अभी उम्मीदवारों ने यह नहीं कहा है कि इस कारण वे चुनाव हार भी सकते हैं, लेकिन उम्मीदवारों ने आम आदमी पार्टी द्वारा वोट काटने पर चिंता जरूर जताई है।
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दिल्ली के प्रभारी नितिन गडकरी के निवास पर हुई बैठक में भाजपा के लगभग सभी उम्मीदवार आए। बैठक में गडकरी के अलावा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, दिल्ली के सह संयोजक नवजोत सिंह सिद्धू व आर.के. सिन्हा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल, प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन, प्रदेश संगठन महामंत्री विजय शर्मा आदि उपस्थित थे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में अधिकतर उम्मीदवारों ने अपनी जीत का दावा किया, लेकिन पार्टी के बीच चल रही कलह एक बार फिर बड़े नेताओं के समक्ष उजागर हो गई।
कई प्रत्याशियों ने शिकायत की कि पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चुनाव के दौरान उनका सहयोग नहीं किया, बल्कि कुछ उम्मीदवारों ने कार्यकर्ताओं पर उनके खिलाफ काम करने का भी आरोप लगाया। राजेंद्र नगर विस क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार आर.पी. सिंह ने अपने क्षेत्र के वरिष्ठ नेता द्वारा उन पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और शिकायत की कि उन्हें हराने की पुरजोर कोशिश की गई। इसी तरह दिल्ली कैंट के प्रत्याशी करण सिंह तंवर ने भी पार्टी के कुछ नेताओं-कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें नुकसान पहुंचाने की शिकायत की। इसी तरह दो अन्य उम्मीदवारों ने भी भितरघात की शिकायत की।
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गौरतलब है कि चुनाव के पहले से ही भाजपा गुटबाजी की शिकार है। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा और टिकट वितरण के दौरान भाजपा की गुटबाजी सड़कों पर दिखाई दी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे में जो-जो प्रत्याशी हारेगा, वह पार्टी में गुटबाजी की बात को फिर से उठाएगा। हालांकि, प्रत्याशी अभी चुनाव परिणामों को लेकर संशय में हैं और इसलिए ज्यादा कुछ बोलने से बच रहे हैं।
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