निकाय चुनाव: ललित गेट के शोर से लाभ में रहीं वसुंधरा
राजस्थान में उठे ललितगेट मुद्दे के बाद प्रतिष्ठा की पहली परीक्षा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शानदार ढंग से पास कर ली। जनता ने सरकार के पक्ष में राय देते हुए भाजपा को 129 में से 66 निकायों पर विजयी बना दिया, जबकि कांग्रेस महज 35 निकायों में ही जीत दर्ज
जयपुर, नई दुनिया ब्यूरो। राजस्थान में उठे ललितगेट मुद्दे के बाद प्रतिष्ठा की पहली परीक्षा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शानदार ढंग से पास कर ली। जनता ने सरकार के पक्ष में राय देते हुए भाजपा को 129 में से 66 निकायों पर विजयी बना दिया, जबकि कांग्रेस महज 35 निकायों में ही जीत दर्ज कर सकी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बीकानेर की नोखा नगर पालिका पर जीत हासिल कर सबको चौंकाया है। ये चुनाव 17 अगस्त को हुए थे।
मध्य प्रदेश की तरह यहां भी विपक्ष के शोर का असर नहीं दिखा। ललितगेट मुद्दे पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को घेरकर सियासी फायदा लेने में कांग्रेस पूरी तरह नाकाम रही। राजगढ़, तिजारा, बगड़ और संगरिया के चार निकायों में कांग्रेस का और कुचेरा तथा भिंडर में भाजपा का खाता भी नहीं खुला। कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री के घर में मिली जीत को अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा 'भाजपा और कांग्रेस के बीच अब वोट फीसद का फर्क एक फीसद हो गया है। लोकसभा चुनाव 2014 में यह फर्क 26 फीसद था। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री वसुंधरा के गढ़ में जीत हासिल की है। वोटर समझ चुके हैं और वो कांग्रेस की तरफ उम्मीद से देख रहे हैं।'
पायलट नहीं बचा पाए अजमेर
अजमेर नगर निगम का चुनाव दोनों दलों के लिए काफी अहम था। पिछली बार यहां से कांग्रेस का महापौर था और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पायलट यहां से सांसद भी रह चुके हैं। इस बार भी उन्होंने यहीं से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह कांग्रेस को यहां जीत नहीं दिला पाए। यहां भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। 60 वार्ड के निगम में भाजपा ने 31 सीटें जीतकर साधरण बहुमत ही हासिल किया है। कांग्रेस 22 पर रही है, जबकि सात सीटों पर निर्दलीय जीते हैं।
राजे के लिए बड़ी राहत
नगरीय निकाय चुनाव में यह जीत विभिन्न आरोपों से घिरीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव के बाद यह राजस्थान में भाजपा की पांचवीं बड़ी जीत है। इस जीत से उनकी स्थिति और मजबूत हो गई है।
कांग्रेस के लिए बड़ी हार
उधर कांग्रेस के लिए यह एक और बड़ी हार है। पार्टी के पास पिछले चुनाव में 49 निकाय थे, लेकिन इस चुनाव में यह संख्या घटकर 25 रह गई। इससे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की स्थिति कमजोर होगी।
निर्दलियों की अहम भूमिका
शुक्रवार को निकायों के अध्यक्ष का चुनाव होना है। निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशियों ने 744 वार्डों में जीत हासिल की है और निकायवार देखें तो करीब 30 निकाय ऐसे हैं, जहां फैसला पूरी तरह इन्हीं के हाथ में है। अन्य निकायों में भी काफी उलटफेर की संभावना है, क्योंकि इस चुनाव में दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता।
परिणाम एक नजर में
कुल वार्ड : 3351
भाजपा : 1443
कांग्रेस : 1164
निर्दलीय व अन्य : 744
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कुल नगर पालिका : 113
भाजपा : 62
कांग्रेस : 32
निर्दलीय :17
राकांपा : 1
अस्पष्ट : 1
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कुल नगर परिषद 15
भाजपा : 4
कांग्रेस : 3
अस्पष्ट : 8
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नगर निगम
अजेमर : भाजपा जीती
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'निकाय चुनाव में वोटरों ने हमारे अच्छे शासन पर मुहर लगाई है। डेढ़ साल के शासनकाल में हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अच्छा काम किया है।' -वसुंधरा राजे, मुख्यमंत्री
'कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के गढ़ में जीत हासिल की है। वोटर अब समझ चुके हैं और वो कांग्रेस की तरफ उम्मीद से देख रहे हैं।' -सचिन पायलट, कांग्रेस