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नोटबंदी पर बिल गेट्स ने की पीएम मोदी की तारीफ, बताया साहसिक फैसला

बिल गेट्स ने पीएम मोदी द्वारा कालेधन पर की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक का समर्थन करते हुए इसको देशहित में बताया है। उन्‍होंने इसको साहसिक निर्णय बताया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 18 Nov 2016 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2016 12:35 PM (IST)

नई दिल्ली (जेएनएन)। अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने भारत में 500 और 1000 रुपये के नोटोंं पर प्रतिबंध लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को काफी सराहा हैै। उन्होंने इसको साहसिक निर्णय बताते हुए उनकी जमकर तारीफ की है। उनका कहना है कि पीएम के इस फैसले से देश में कालेधन के साथ-साथ भ्रष्टाचार में भी गिरावट आएगी।

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डिजिटल तकनीक से बढ़ेगी पारदर्शिता

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक नीति आयोग द्वारा आयोजित 'भारत का कायाकल्प' सेमिनार में बोलते हुए गेट्स ने कहा कि डिजिटल तरीकों से लेनदेन से पारदर्शिता बढ़ेगी और कालाधन समेत नकली नोटों के चलमें अभूतपूर्व कमी आएगी। इसके अलावा भारत में डिजिटल वित्तीय समावेश के सभी साधन मौजूद है। आधार से खाता खोलने की कागजी कार्रवाई कम होगी और यह काम 30 सेकेंड में हो जागा। आधार से एक एकीकृत डाटा भंडार भी बनेगा।

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धोखाधड़ी में भी आएगी कमी

जल्दी ही शुरू होने वाले भुगतान बैंक और मोबाइल फोन के प्रसार से हर भारतीय को डिजिटल खाते और हर प्रकार की कंप्यूटर प्रणाली से संपर्क की जा सकने वाली और धोखाधड़ी से अलग भुगतान प्रणाली के साथ जोड़ा जा सकता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को अप्रत्याशित निर्णय कर 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया है।

शैडो इकनॉमी होगी खत्म

गेट्स के मुताबिक केंद्र सरकार के सरकार के इस फैसले से देश में शैडो इकॉनमी को खत्म करने में मदद मिलेगी और साथ ही भारत कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ सकेगा। बिल गेट्स ने तकनीक को अहम बताते हुए कहा कि वह इसपर विश्वास करते हैं लेकिन यह तभी ताकतवर साबित होती है जब उसका इस्तेमाल करने वाले लोग भी मजबूत हों। नियमन और तंत्र के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल बेहतर होता है। मगर तकनीक तभी लंबे समय तक काम कर सकती है जब उस दुनिया में स्थिरता और स्थायित्व हो जिसमें हम रह रहे हैं। उन्होंने भारत के प्रयासों को लेकर कहा कि देश जो प्रयास कर रहा है, वैसा दुनिया के किसी दूसरे देश ने पहले कभी नहीं किया है। भारत यह बात जानता है कि उसे कितनी अहम चुनौतियों को पार करना है। साथ ही सरकार भी इन समस्याओं से निपटने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है।

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भारत में कुपोषण बड़ी समस्या

स्वास्थ्य से जुड़ें मुद्दों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर भारत में स्वास्थ्य संबंधी किसी एक समस्या का समाधान करने की कोई जादू की छड़ी मेरे पास हो, तो मैं उससे कुपोषण के संकट को दूर करना चाहूंगा। भारत में कुछ ऐसे राज्य एवं क्षेत्र हैं, जहां कुपोषण कोई अनोखी नहीं बल्कि एक सामान्य बात है। बच्चों में कुपोषण के चलते भारत की अर्थव्यवस्था को 2030 तक सालाना 46 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। देश में पांच वर्ष से कम के 4.4 करोड़ बच्चों का शारीरिक विकास कम है।

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