अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटे छह साल के मासूम ने बताई आपबीती- सात दिनों तक सिर्फ बिस्किट ही खाया
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बड़े बर्तन व्यापारी के बेटे को सुरक्षित छुड़ा लिया गया है। एक हफ्ते पहले अपहरणकर्ताओं ने परिवारों वालों से 6 करोड़ के फिरौती की मांग की थी।
बिलासपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर में एक सप्ताह पहले एक बड़े बर्तन कारोबारी के 6 साल के बेटे विराट का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने उसे 6 करोड़ रुपये की फिरौती के लिए सात दिनों तक एक कमरे में कैद कर के रखा था। गुरुवार की रात परिजनों के पास फिरौती के लिए कॉल आया।
पुलिस ने लोकेशन ट्रैस की और फिर तुरंत वहां दबिश देकर बच्चे को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया। बच्चा सकुशल अपने घर वापस आ गया और सभी ने राहत की सांस ली, लेकिन बच्चे ने पिछले सात दिनों के दौरान जिन परेशानियों और तकलीफों को सामना किया, वह लोगों को विचलित कर रहा है।
बच्चे ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उसे एक कमरे में रखा था, जहां एक आदमी उसके साथ रहता था। यह आदमी उसके सामने बैठकर खाता रहता था और बच्चे को भूख लगने पर सिर्फ बिस्किट दिए जाते थे। इसके अलावा भी बच्चे को कई तरह की यातनाओं से गुजरना पड़ा। विराट ने हमारे सहयोगी अखबार नईदुनिया के साथ अपनी आपबीती साझा की।
सवाल: आप कैसे हो, आप तो बड़े बहादुर निकले।
जवाब : हां...मुझे डर नहीं लगता, मैं अपने पापा जैसा हूं।
सवाल: आप कार से उस दिन कहां चले गए, हम ढूंढ रहे थे।
जवाब: मुझे कुछ अंकल ले गए थे, बोले झारखंड में हो।
सवाल: तुम चुपचाप उनके साथ चले गए। मना क्यों नहीं किया।
जवाब: मैं चिल्लाया तो मेरे मुंह पर कपड़ा बांध दिया। मुझे मारा।
सवाल: कहां रुके थे तुम, मम्मी-पापा और दोस्तों की याद नहीं आई।
जवाब: एक अंधेरे रूम में था। घर जाने बोलता तो गुस्से में डांटते थे। सभी की बहुत याद आ रही थी। मुझे मम्मी के पास जाना था।
सवाल: तुम्हें गुस्सा नहीं आया। भागने की कोशिश किए थे क्या।
जवाब: वो अंकल मोबाइल पर बात कर रहे थे तभी मैंने उनको एक झापड़ मारा।
सवाल: फिर वो तुम्हे कुछ नहीं बोले। कुछ तो किया होगा।
जवाब: वो गुस्सा हो गए। बोले अब मैं तुम्हारी मम्मी से नहीं मिलवाऊंगा।
सवाल: तुम्हे कहीं घुमाने ले गए थे क्या, किसी से मिलवाया।
जवाब: जिस दिन ले गए उस दिन मुझे रेलवे स्टेशन दिखा था।
सवाल: रोज क्या खाना देते थे, तुमने कोई डिमांड नहीं की।
जवाब: अंकल बिस्तर पर बैठे-बैठे खूब सारा खाते थे। मुझे खाने के लिए सिर्फ बिस्किट देते थे।
सवाल: कौन लाकर देता था खाना। तुमने देखा नहीं।
जवाब: खिड़की पर देकर चले जाते थे। मुझे सिर्फ गुड-डे खिलाते थे।
सवाल: घर की याद आती थी तो क्या बोलते थे।
जवाब: गूगल पर मेरे स्कूल व टीचर को दिखाते थे। आएंगे बोलते थे।
सवाल: सू-सू या पोट्टी आती तो अंकल तुम्हें ले कर जाते थे।
जवाब: एक दिन खिड़की से सू-सू किया। नहाया नहीं, पोट्टी नई आई।
सवाल: आज कैसे घर पहुंचे। कौन लेने गया था।
जवाब: मैं कमरे में कुर्सी पर ही था, अचानक पुलिस वाले अंकल आए और मुझे उनसे छुड़ाकर घर ले आए।