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पीएम बिटिया बोली, भारत है 'ग्रैंड मदर'

आपकी बेटी अपने घर आई है। इस माटी और अपने पूर्वजों से मिले संस्कार और शिक्षा की बदौलत ही आज आपकी बेटी त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री है। हमारे लिए भारत 'मदर इंडिया' नहीं, बल्कि 'ग्रैंड मदर' है। मैं दादी, आजी व नानी के रिश्ते बखूबी समझती हूं। त्रिनिदाद में 'राइजिंग सन' मेरी पार्टी का सिंबल है और पूरब में उगा सूरज बिहार होते हुए ही त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंचता है।'

By Edited By: Published: Wed, 11 Jan 2012 10:52 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2012 08:55 PM (IST)

भेलूपुर [कंचन किशोर]। 'आपकी बेटी अपने घर आई है। इस माटी और अपने पूर्वजों से मिले संस्कार और शिक्षा की बदौलत ही आज आपकी बेटी त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री है। हमारे लिए भारत 'मदर इंडिया' नहीं, बल्कि 'ग्रैंड मदर' है। मैं दादी, आजी व नानी के रिश्ते बखूबी समझती हूं। त्रिनिदाद में 'राइजिंग सन' मेरी पार्टी का सिंबल है और पूरब में उगा सूरज बिहार होते हुए ही त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंचता है।'

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बुधवार को बिहार के बक्सर स्थित अपने पूर्वजों के गांव भेलूपुर आई त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने दुभाषिए के जरिए ग्रामवासियों से यह बात कही। गांव में उन्हें देखने के लिए एक लाख की भीड़ एकत्रित हुई थी, इसे देखकर प्रधानमंत्री भावुक हो गई। पति डॉ. ग्रेगरी बिसेसर के साथ आईं कमला ने कहा कि यहां से गए पूर्वजों ने गरीबी में रहते हुए भी शिक्षा के महत्व को समझा। इसका नतीजा है कि बिहार और भारत से त्रिनिदाद गए लोगों के बाद की पीढि़यों ने सफलता के मुकाम हासिल किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उनके पूर्वज यहां से गए थे, तब उन्होंने अच्छे जीवन की चाह में भारत छोड़ा था। उनके पास हीरा या ट्रैवेलर चेक नहीं था। वे चिट्ठी भी नहीं लिख सकते थे। वे अपने साथ रामायण, गीता व कुरान लेकर गए थे। वे यहां से जीवन पद्धति व उच्च जीवन मूल्य लेकर गए थे। इन्हीं आदर्शो की बदौलत वे लोग यहां की परंपराओं, खानपान व वेशभूषा से जुड़े रहे। यहां से गए पूर्वजों ने वहां जाकर अच्छी जीवन शैली का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। पीएम बिटिया ने कहा कि भारत व त्रिनिदाद की जीवन शैली में काफी समानताएं हैं। वहां के लोग भारतीय संगीत व भोजन को बेहद पसंद करते हैं।

इससे पूर्व बिहार सरकार की ओर से कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. सुखदा पांडेय ने प्रधानमंत्री कमला बिसेसर का स्वागत कर उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया। इस दौरान त्रिनिदाद के विदेश मंत्री शुरूजतन रामवचन भी मौजूद थे।

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