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अंटीलिया कांड में बड़ा खुलासा, सचिन वाझे की दो लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मारने की थी तैयारी

दोनों मामलों की जांच कर रही एनआइए को इस बात के सुराग मिले हैं कि वाझे अंटीलिया कांड को खोलने के लिए दो लोगों को ठिकाने लगाने के लिए चिह्नित भी कर लिया था। इनमें से एक व्यक्ति का पासपोर्ट उसके घर से बरामद हुआ है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 08:11 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 08:11 AM (IST)
अंटीलिया कांड में बड़ा खुलासा, सचिन वाझे की दो लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मारने की थी तैयारी
अंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार मुख्य आरोपित सचिन वाझे

मुंबई, प्रेट्र। अंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार मुख्य आरोपित सचिन वाझे ने एक शातिर अपराधी की तरह पूरे मामले का तानाबाना बुना था। महाराष्ट्र के शीर्ष नेताओं के संरक्षण में वाझे इतना बेखौफ हो गया था कि उसने अंटीलिया कांड को 'हल' करने के नाम पर दो लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने की तैयारी कर रखी थी। अंटीलिया कांड से वह एक तीर से कई शिकार करने वाला था। 

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बेखौफ सचिन वाझे ने तैयार कर रखी थी फर्जी मुठभेड़ की योजना

दोनों मामलों की जांच कर रही एनआइए को इस बात के सुराग मिले हैं कि वाझे अंटीलिया कांड को खोलने के लिए दो लोगों को ठिकाने लगाने के लिए चिह्नित भी कर लिया था। इनमें से एक व्यक्ति का पासपोर्ट उसके घर से बरामद हुआ है। हालांकि जांच एजेंसी ने अभी उस व्यक्ति का नाम नहीं खोला है।

सूत्रों के अनुसार अंटीलिया कांड से वह खुद को सुपरकॉप के रूप में प्रतिष्ठित करना चाहता था। वह इस मामले के जरिये ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहता था। लेकिन मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी के हाथ में जाने से उसकी पूरी योजना पर पानी फिर गया। सूत्रों के अनुसार उसने इस मामले में पासपोर्ट धारक व एक अन्य को फर्जी मुठभेड़ में मारना चाहता था। इसके लिए एक ईको गाड़ी का भी इंतजाम कर लिया गया था। यह गाड़ी पिछले साल नवंबर में औरंगाबाद से चुराई गई थी। 

केंद्रीय जांच एजेंसी जांच में न कूदती तो कामयाब हो जाता वाझे

सूत्रों के अनुसार वाझे इस मामले में दो लोगों को ठिकाने लगाकर वाहवाही लूटना चाहता था। लेकिन उसकी योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। सूत्रों के अनुसार वाझे किस कदर खतरनाक था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अंटीलिया कांड में जब उसके फंसने की बारी आई तो उसने अपनी साथी मनसुख हिरेन को ही रास्ते से हटा दिया। वाझे की करतूतों से अब जिस तरह हर दिन पर्दा उठ रहा है उससे लगता है कि पुलिस की नौकरी में पैसा बनाने के लिए उसने हर वह गलत काम किया जिन्हें रोकने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।


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