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मोदी सरकार का बड़ा निर्णय: कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए गठित होगा निर्यात प्रोमोशन फोरम

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एक्सपोर्ट्स प्रोमोशन फोरम देश के 20 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सहकारी क्षेत्र के निर्यात को बढ़ाने के लिए काम करेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 09:06 PM (IST)
मोदी सरकार का बड़ा निर्णय: कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए गठित होगा निर्यात प्रोमोशन फोरम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने सहकारी क्षेत्र निर्यात प्रोमोशन फोरम के गठन का निर्णय लिया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह घोषणा मंगलवार को एक संयुक्त प्रेसवार्ता में की। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022 तक मौजूदा निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है।

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राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) में कोआपरेटिव सेक्टर एक्सपोर्ट्स प्रोमोशन फोरम का गठन किया जाएगा, जो देश के 20 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सहकारी क्षेत्र के निर्यात को बढ़ाने के लिए काम करेगा। सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पहली बार अंतरराष्ट्रीय सहकारी ट्रेड फेयर का 11 अक्तूबर से 13 अक्तूबर के बीच प्रगति मैदान में आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश विदेश के लगभग पांच से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे।

देश में कुल आठ लाख से अधिक सहकारी संस्थाएं हैं, जिसमें 94 फीसद संस्थाओं में 15 करोड़ किसान सदस्य हैं। गोयल ने बताया कि इसके बावजूद कृषि उत्पादों की निर्यात में हिस्सेदारी बहुत कम है। इसे प्रोत्साहित करने की सख्त जरूरत है, जिसके लिए ट्रेड फेयर का आयोजन किया गया है।

गोयल ने कहा कि कृषि निर्यात से किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुना करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसी मकसद से विभिन्न मंत्रालयों के बीच साझा समन्वय हो रहा है।

अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर से अपनी सहकारी संस्थाओं को विदेशी ग्राहकों की जरूरत का पता चलेगा। इस फेयर का आयोजन वाणिज्य, कृषि और विदेश मंत्रालय सहकारी संस्थाओं के सहयोग से कर रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सहकारिता कृषि क्षेत्र की रीढ़ है, जिसे मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में पैठ बनानी होगी। उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब एक विभाग के मंत्री और अफसरों के साथ दूसरे मंत्रालयों से सामंजस्य नहीं होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है।

तोमर ने कहा कि घरेलू कृषि उपज की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाने की जरूरत है। कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए इसकी महती आवश्यकता है, जिससे हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।


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