मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि: देश भर के 15 लाख शिक्षकों का समय से पहले होगा पूरा प्रशिक्षण
सरकार ने अभी देश भर के करीब 15 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को मार्च 2019 तक प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सबकुछ तय कार्यक्रम के तहत हुआ, तो स्कूलों में पढ़ा रहे देश भर के करीब 15 लाख शिक्षक अब फरवरी में ही प्रशिक्षित हो जाएंगे। सरकार ने इस दिशा में तेजी के साथ काम शुरु किया है। अप्रशिक्षित शिक्षकों के पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरु हो गई है। सरकार ने अभी इन सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को मार्च 2019 तक प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन जिस तरीके से इस पूरी मुहिम में तेजी देखी जा रही है, उससे साफ है कि यह काम तय समय सीमा से पहले ही पूरा हो जाएगा।
-सरकार फरवरी तक प्रशिक्षण पूरा करने की तैयारी में जुटी, पहले सेमेस्टर की परीक्षा हुई शुरू
-मार्च 2019 तक सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को दी जानी है ट्रेनिंग
वैसे भी सरकार ने अपने पूर्व तय सभी कार्यक्रमों की समयसीमा को कम कर दिया है। इनमें यह भी एक बड़ा कार्यक्रम है। इसीलिए यह सरकार के लिए एक बड़ी फांस भी है, क्योंकि शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत इस काम को मार्च 2015 तक पूरा करना था। जो नहीं हो पाया। ऐसे में सरकार ने इस लक्ष्य को मार्च 2019 तक पूरा करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब वह इसे तय लक्ष्य से एक महीने पहले ही पूरा करना चाहती है।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इसे लेकर तेजी से काम चल रहा है। सरकार इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देख रही है। यही वजह है कि वह 2019 के चुनाव में उतरने से पहले इस काम को पूरा कर लेना चाहती है।
इसी बीच अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का जिम्मा संभाल रहे नेशनल इंस्टीच्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) ने इसको जल्द पूरा करने के लिए दो तरह प्रोग्राम तैयार किए है। इनमें एक प्रोग्राम स्कूलों में पढ़ा रहे ऐसे शिक्षकों के लिए है, जो 12वीं या स्नातक के बाद सीधे स्कूलों में पढ़ा रहे है। दूसरा प्रोग्राम ऐसे शिक्षकों के लिए है, जो बीएड आदि की पढ़ाई तो की है, लेकिन स्कूलों में पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण नहीं लिया है। एनआईओएस दोनों ही प्रोग्राम को साथ-साथ संचालित कर रहा है।
खासबात यह है कि इस प्रशिक्षण में दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। इन सभी शिक्षकों को बगैर स्कूल से गैर-हाजिर हुए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें तकनीक का बड़े स्तर पर सहारा लिया जा रहा है।