पता नहीं था SC-ST कानून का मुद्दा इतना बड़ा बन जाएगा: भास्कर गायकवाड़
एससी-एसटी मामले में केस दर्ज कराने वाले भास्कर गायकवाड़ भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाएंगे।
मुंबई (एजेंसी)। महाराष्ट्र के जिस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी कानून में राहत दी है, उसके मूल शिकायतकर्ता भास्कर गायकवाड़ ने कहा है कि उन्हें पता नहीं था कि यह इतना बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाएगा। वह खुद भी इस राहत के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाने जा रहे हैं।
53 साल के गायकवाड़ पुणे में सरकारी कॉलेज के कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि वह केंद्र की अपील से अलग 19 अप्रैल को एक अपील दायर कर 20 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने मूल शिकायत 2007 में दायर की थी। उनका कहना है कि उन पर कॉलेज के कुछ ऊपरी जाति के स्टॉफ ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने का दबाव डाला था। जब उन्होंने इससे इनकार किया तो उन लोगों ने मेरी सीआर में नकारात्मक टिप्पणियां कर दीं। इसके खिलाफ उन्होंने सितंबर 2009 में महाराष्ट्र के तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सुभाषष महाजन के खिलाफ केस दर्ज कराया था। महाजन अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त कराने हाई कोर्ट गए थे। अंत में यह केस सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
2016 में अत्याचार के 47 हजार केस दर्ज हुए
लोकसभा में गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने एक सवाल के जवाब में बताया कि वर्ष 2016 में देश में अजा-जजा वर्ग के लोगों पर अत्याचार के 47 हजार मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 78.3 फीसदी में आरोप-पत्र दायर हुए। सजा की दर 25.8 फीसदी रही।