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'भय्यू महाराज के करोड़ों रुपये दबाकर बैठे हैं लोग..सच्चाई बाहर नहीं आने देना चाहते'

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री भरत पोरवाल ने भय्यू महाराज की हत्या की आशंका जताते हुए सीबीआइ जांच की मांग दोहराई है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 10:19 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 10:19 AM (IST)
'भय्यू महाराज के करोड़ों रुपये दबाकर बैठे हैं लोग..सच्चाई बाहर नहीं आने देना चाहते'

उज्जैन, जेएनएन। मध्य प्रदेश में उज्जैन जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री भरत पोरवाल ने भय्यू महाराज की हत्या की आशंका जताते हुए सीबीआइ जांच की मांग दोहराई है। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया से चर्चा में पोरवाल ने कहा कि महाराज गोली नहीं चला सकते थे। बंदूक पकड़ने में उनके हाथ कांपते थे। कई लोग महाराज के करोड़ों रुपये दबाकर बैठे हैं, इसलिए सच्चाई बाहर नहीं आने देना चाहते। जांच को गुमराह किया जा रहा है। पत्नी-बेटी का नाम आगे कर कई लोग खुद को बचा रहे हैं।

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महाराज के अनुयायी पोरवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के शपथ लेते ही उनसे भी इस केस में सीबीआइ जांच की मांग की जाएगी। पोरवाल इस केस की जांच सीबीआइ से कराने के लिए केंद्र तक को पत्र लिख चुके हैं। केंद्र ने इस संबंध में एक पत्र मुख्य सचिव को भी भेजा है। पोरवाल के मुताबिक, एक बार महाराज महाराष्ट्र के किसी वन क्षेत्र से गुजर रहे थे। उनके साथ राकांपा नेता शरद पवार भी थे। गाड़ी खराब होने पर महाराज को उतरना था। वाहन में ही लोडेड बंदूक रखी थी मगर उसे पकड़ने के दौरान उनके हाथ कांपने लगे। यह देख पवार ने उनसे बंदूक ली थी। महाराज सीधे हाथ से सारा काम करते थे, फिर गोली बाएं हाथ से क्यों चलाई? ऐसे कई बिंदु हैं, जिन पर पुलिस को फिर से जांच करनी चाहिए।

पैसों की कोई कमी नहीं थी
पोरवाल ने बताया कि महाराज कभी पैसे की ओर ध्यान नहीं देते थे। उनके कहने पर कोई भी बड़ी राशि दान कर सकता था। विदेश में भी उनके सैकड़ों अनुयायी थे, जो दान देने के लिए तैयार रहते थे। अगर कोई यह कह रहा है कि उन्हें महाराज ने गाड़ी दी थी, जमीन दी थी तो उसमें सच्चाई हो सकती है। महाराज किसी को भी लाखों रुपये या जमीन, गाड़ी दान दे सकते थे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं। उन्होंने कहा कि इस केस में महाराज की पत्नी और बेटी का नाम जबरन लाया जा रहा है। षडयंत्रकारी लोग ऐसा कर रहे हैं। महाराज की पत्नी को महाराज की मौत से क्या लाभ मिलता? या बेटी को क्या फायदा था? बेटी तो विदेश पढ़ने जा रही थी, ऐसे में विवाद की बात भी गले नहीं उतरती।

राजनीति में आने वाले थे
पोरवाल ने दावा किया कि महाराज राजनीति में आने वाले थे। उज्जैन के एक होटल में उन्होंने कहा था कि इस बार कांग्रेस की सरकार आएगी। मैं खुद उस समय उनके साथ था। वह सत्य का साथ देते थे। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस। कई लोगों को उनका सत्य बोलना पच नहीं रहा था, इसलिए हर बिंदु पर जांच की जानी चाहिए। कई राज खुल सकते हैं।


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