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कोरोना की एक और वैक्सीन लाएगा भारत बायोटेक, फरवरी-मार्च में शुरू करेगा इंसानों पर परीक्षण

भारत बायोटेक(Bharat Biotech) ने देश की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(Covaxin) का निर्माण किया है। भारत की ड्रग नियामक संस्था(डीसीजीआइ) की ओर से कोवैक्सीन(Covaxine) के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। फिलहाल इसका तीसरा ट्रायल प्रक्रिया में है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 01:35 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 01:56 PM (IST)
कोरोना की एक और वैक्सीन लाएगा भारत बायोटेक, फरवरी-मार्च में शुरू करेगा इंसानों पर परीक्षण
भारत बायोटेक(Bharat Biotech) लाएगा देश में एक और कोरोना वैक्सीन। (फोटो: दैनिक जागरण)

हैदराबाद, प्रेट्र। कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए भारत बायोटेक(Bharat Biotech) एक और वैक्सीन लाने जा रहा है। भारत बायोटेक(Bharat Biotech) के मुताबिक, वह इस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण फरवरी-मार्च में शुरू कर देगा। भारत बायोटेके ने बताया है कि वह कोरोना वायरस के खिलाफ उनके नये इंट्रानेजल एंटीडोट(वैक्सीन) लाने की तैयारी कर रहा है। उसके मुताबिक, इस वैक्सीन के  पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण इस साल फरवरी-मार्च तक शुरू होंगे।

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‘इंट्रानेजल एंटीडोट’ बनाएगा भारत बायोटेक

कोवैक्सीन के अलावा भारत बायोटेक एक और टीका बनाने पर काम कर रहा है जो एक खुराक में कोरोना से बचाव करेगा। इस टीके के विकास के लिए भारत बायोटेक वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसे ‘इंट्रानेजल एंटीडोट’ कहा जा रहा है। ‘इंट्रानेजल एंटीडोट’ नाक के जरिए दी जाने वाली संक्रमणरोधी दवा को कहा जाता है। 

मानव पर पहले चरण का ट्रायल भारत में किया जाएगा- भारत बायोटेक

टीका निर्माता कंपनी ने बताया कि बीबीवी154 (इंट्रानेजल कोविड-19 टीका) का क्लिनिकल परीक्षण से पहले का परीक्षण पूरा हो चुका है। मानव पर पहले चरण का परीक्षण भारत में किया जाएगा। 

'कोवैक्सीन' के परीक्षण के लिए 25,800 वालंटियर पंजीकृत

कोरोना की रोकथाम के लिए देश के पहले स्वदेशी टीके का निर्माण करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 25,800 वालंटियर पंजीकृत कर लिए हैं। कंपनी की ज्वाइंट मैनेजिंग डाइरेक्टर सुचित्रा इल्ला ने यह घोषणा करते हुए प्रमुख परीक्षकों और स्वास्थ्य कर्मियों का आभार जताया है जिन्होंने पीपीपी माडल पर विकसित की जा रही कोवैक्सीन के कार्यक्रम में सहयोग दिया है। उन्होंने सभी वालंटियर का भी आभार जताया है।

उल्लेखनीय है यह वैक्सीन आइसीएमआर-एनआइवी के सहयोग से विकसित की जा रही है। इस वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण का परीक्षण एक हजार से अधिक लोगों पर किया जा चुका है। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने हाल ही में इसके सीमित आपात परीक्षण की मंजूरी दी है।


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