Move to Jagran APP

कोवैक्सीन के गंभीर दुष्प्रभाव पर भारत बायोटेक देगी मुआवजा, टीकाकरण में कोवैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल

भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर उसकी कोरोना वैक्सीन लेने के बाद किसी पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है तो वह पीडि़त व्यक्ति को मुआवजा देगी। भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन के नाम से स्वदेशी टीका विकसित किया है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 08:24 AM (IST)
कोवैक्सीन के गंभीर दुष्प्रभाव पर भारत बायोटेक देगी मुआवजा, टीकाकरण में कोवैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल
भारत बायोटेक ने कहा है कि वैक्सीन लेने के बाद किसी गंभीर दुष्प्रभाव पर वह पीडि़त व्यक्ति को मुआवजा देगी।

हैदराबाद, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना के खिलाफ देश में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी। इस अभियान के तहत शनिवार को पहले चरण में भारत में अग्रिम मोर्चों पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीके की पहली खुराक दी गई। भारत सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके के साथ महामारी को शिकस्‍त देने का महाभियान शुरू किया है। ऑक्‍सफोर्ड एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन कोविशील्‍ड को लेकर आपत्तियां तो सामने नहीं आई हैं लेकिन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर सियासी हस्तियों की ओर से सवाल उठाए जाते रहे हैं।

loksabha election banner

गंभीर दुष्प्रभाव पर देंगे मुआवजा 

हालांकि देश के वैज्ञानिकों और स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों ने सवाल उठाने वालों को करारा जवाब भी दिया है। इस बीच अब भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर उसकी कोरोना वैक्सीन लेने के बाद किसी पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है तो वह पीडि़त व्यक्ति को मुआवजा देगी। भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन के नाम से स्वदेशी टीका विकसित किया है, जिसकी 55 लाख डोज सरकार ने खरीदें और टीकाकरण अभियान में इसके इस्तेमाल भी हो रहा है।

फॉर्म पर कराया जा रहा हस्ताक्षर 

कोवैक्सीन लगवाने वालों से एक सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी पर इसका गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है तो उसे विशेष सरकारी या अधिकृत केंद्रों और अस्पतालों में स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अगर यह साबित हो जाता है कि वैक्सीन के चलते किसी पर गंभीर प्रतिकूल असर पड़ा है तो भारत बायोटेक द्वारा उसे मुआवजा भी दिया जाएगा।

नतीजे सकारात्मक आए

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे सकारात्मक आए हैं और वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पैदा करती पाई गई है। लेकिन तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे अभी आने बाकी हैं। इसलिए तीसरे चरण में टीके के प्रभाव का अभी आकलन नहीं किया जा सका है।

क्लीनिकल ट्रायल के चरण में वैक्सीन 

फॉर्म में यह भी कहा है कि यह समझना भी जरूरी है कि वैक्सीन लगवाने का मतलब यह नहीं है कि कोरोना से संबंधित अन्य सावधानियों का पालन करना छोड़ दिया जाए। दवा उद्योग से जुड़े एक विशेषज्ञ का कहना है कि अगर कोई वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण में है तो उसके गंभीर दुष्प्रभावों पर कंपनी मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी है।

क्लीनिकल ट्रायल जारी 

जाहिर है, कोवैक्सीन के तीसरे चरण का अभी क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है, लेकिन दवा नियामक ने मौजूदा हालात को देखते हुए जनहित में इसके प्रतिबंधित आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। इसका मतलब है कि सरकार की देखरेख में ही इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा, कंपनी अलग से इसे खुले बाजार में नहीं बेच सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.