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एससी-एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के खिलाफ 'भारत बंद' में 11 की मौत

एससी-एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के फैसले के खिलाफ सोमवार को सड़क पर हिंसा फैल गई।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 02 Apr 2018 07:49 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 07:39 AM (IST)
एससी-एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के खिलाफ 'भारत बंद' में 11 की मौत
एससी-एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के खिलाफ 'भारत बंद' में 11 की मौत

 जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के फैसले के खिलाफ सोमवार को सड़क पर हिंसा फैल गई। एक्ट को मूलरूप में बहाल करने की मांग को लेकर दलित संगठनों के 'भारत बंद' के दौरान कई राज्यों में तोड़-फोड़, आगजनी और फायरिंग में 11 लोगों की मौत हो गई। सबसे अधिक हिंसा मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना और ग्वालियर में हुई, जिससे सात की जान चली गई। जबकि उत्तर प्रदेश में तीन और राजस्थान में एक की मौत हो गई। भिंड में हालात बेकाबू होने पर सेना बुलानी पड़ी। पंजाब में सेना को अलर्ट किया गया है। कई शहरों में पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं। ट्रेनों व बसों पर पथराव किया गया है। इसके चलते 100 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।

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 मप्र के ग्वालियर-चंबल संभाग में छह की गई जान, कई जगह कफ्र्यू
-ग्वालियर में दो, भिंड में दो, मुरैना व डबरा में एक-एक व्यक्ति की जान गई। डबरा में एडिशनल एसपी पर जानलेवा हमला किया गया। थाने में आग लगाने की कोशिश की गई। 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए।
-डबरा में ट्रेन की पटरियों को बाधित किया। मुरैना में फिश प्लेटें निकालीं और हाईवे पर दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त किए।
-ग्वालियर में बंद समर्थकों ने घरों में घुसकर किया हमला, लूटपाट व छेड़खानी भी की।
-ग्वालियर में 22 लोग गोली लगने व करीब 200 लोग लाठी-सरियों के हमले में घायल हो गए।
-भिंड व मुरैना में 50 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है।
-भिंड में सांसद भागीरथ प्रसाद के घर पर भी लोगों ने पथराव किया।
-ग्वालियर में मंगलवार को सभी निजी-सरकारी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।
-हिंसा के बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई, जिसमें प्रदेश की कानून व्यवस्था के बारे जानकारी ली।

उपद्रव के दौरान मप्र में इनकी हुई मौत
1- आकाश गर्ग, मेहगांव, भिंड
2- महावीर सिंह राजावत, मछंड, लहार, भिंड
3- राहुल पाठक, मुरैना सिटी
4- विमल प्रकाश, डबरा
5- राकेश, ग्वालियर
6- दीपक, ग्वालियर

उप्र में सैकड़ों वाहन फूंके, जगह-जगह तोड़फोड़
आगरा, हापुड़, मेरठ, आजमगढ़, गोरखपुर, संभल व गाजियाबाद समेत कई शहरों में भारी उपद्रव हुआ। रोडवेज की बसें जलाई गई। इसके साथ ही सैकड़ों वाहन फूंक दिए। पथराव व तोड़फोड़ की गई। गाजियाबाद-दिल्ली हाईवे पर एम्स के डॉक्टरों व नर्सो की बस में तोड़फोड़ की गई। बिजनौर में जाम में एंबुलेंस फंसने से मरीज की मौत हो गई। बसपा नेता व पूर्व विधायक योगेश वर्मा सहित करीब 250 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति की अपील की है।

बिहार में जज को कोर्ट जाने से रोका, दो की मौत
विरोध प्रदर्शन के दौरान बिहार में भारी बवाल हुआ। राजद, कांग्रेस, हम, रालोसपा, भाकपा, माकपा एवं अन्य दलों के समर्थन के कारण पटना समेत प्रमुख शहरों और जिला मुख्यालयों में हालात बेकाबू हो गए। स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहे। दुकान-प्रतिष्ठान खोलने की कोशिश हुई तो बंद समर्थक उग्र हो गए। बंद में एंबुलेंस फंसने से हाजीपुर में नवजात बच्चे की मौत हो गई। बक्सर से इलाज के लिए दिल्ली जा रही एक महिला की स्टेशन पर फंसी ट्रेन में मौत हो गई। आगजनी, मारपीट, हमले और हथियारों के साथ प्रदर्शन से माहौल तनावपूर्ण रहा। आंदोलनकारियों ने जमुई में जिला जज को कोर्ट जाने से रोका। इतना ही नहीं प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेनें रोकी गईं।

पंजाब में शांति की अपील को प्रदर्शनकारियों ने रखा ताक पर
पंजाब सरकार के शांतिपूर्ण बंद की अपील को ताक पर रखते हुए प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की। बठिंडा में कुछ लोगों को पीटा गया और गाडि़यों में तोड़फोड़ की गई। आग लगाई गई। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। अमृतसर, जालंधर सहित चार जिलों में ट्रेनों को रोका गया। शिक्षण संस्थान, सरकारी व प्राइवेट बसें पूरी तरह बंद रहीं, मोबाइल इंटरनेट सेवा व एसएमएस सेवा भी बंद रही। बाजारों को पुलिस की मौजूदगी में बंद करवाया गया। जम्मू-तवी ट्रेन व कार के शीशे तोड़े, डीआरएम ऑफिस पर पथराव किया गया। बठिंडा में बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई वाहन तोड़े। भारत-पाक के बीच चलने वाली 'सदा-ए-सरहद' बस (दिल्ली-लाहौर) पर भी असर पड़ा।

हरियाणा में दलितों ने निकाला विरोध मार्च
हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, कैथल, हिसार, रोहतक, यमुनानगर, फरीदाबाद, गुरग्राम व चंडीगढ़ में दलितों ने विरोध मार्च निकाले। सड़क व रेल यातायात प्रभावित किया।

राजस्थान में हिंसक विरोध, अलवर में युवक की मौत
भारत बंद के दौरान समूचे राजस्थान में जगह-जगह तोड़फोड़, आगजनी, ट्रेन रोकने की घटनाएं सामने आईं। जयपुर में सुबह नौ बजे से ही प्रदर्शनकारी सक्रिय हो गए। डंडे और सरिए लिए युवाओं की भीड़ खुलेआम घूमती नजर आई और दुकानें बंद कराई गई। अलवर के खैरथल में पुलिस की कार्रवाई में पवन नाम के युवक की सिर में गोली लगने से मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की।

छत्तीसगढ़ में बंद के दौरान मारपीट-तोड़फोड़
छत्तीसगढ़ में कुछ जगहों पर मारपीट और तोड़फोड़ की रिपोर्ट दर्ज हुई। बस्तर और सरगुजा के आदिवासी बहुल इलाकों में बंद का व्यापक असर दिखा। रायगढ़ जिले के सारंगढ़ में सोशल मीडिया में विवादित पोस्ट को लेकर बंद समर्थकों ने एक युवक की पिटाई कर दी। भिलाई, कांकेर समेत कुछ जगहों पर चक्काजाम की कोशिश की गई।

जम्मू में बंद बेअसर, जगह-जगह प्रदर्शन
जम्मू में बंद का असर कहीं पर भी नजर नहीं आया। सभी बाजार खुले रहे और यातायात पहले की तरह सुचारू रहा। मगर कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे कई संगठन सड़कों पर उतर आए और इस दौरान कुछ समय के लिए यातायात बाधित कर प्रदर्शन किया।

हिमाचल, झारखंड और ओडिशा में भी बवाल
प्रदर्शनकारियों ने तीनों राज्यों में जमकर बवाल किया। यातायात पूरी तरह ठप कर दिया। तीनों राज्यों के कई शहरों में तोड़फोड़ हुई।

बवाल के बीच बयानों की आग
बसपा प्रमुख मायावती- 'असामाजिक तत्वों ने हिंसा कराई। हिंसा के पीछे हमारी पार्टी नहीं है। बीजेपी का नजरिया जातिवादी। बीजेपी सरकारी शक्ति और संसाधन का इस्तेमाल कर इसे बढ़ावा दे रही है।'

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी- 'दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस व भाजपा के डीएनए में है। जो इस सोच को चुनौती देता है, उसे वह हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। हम उनको सलाम करते हैं।'

केंद्रीय मंत्री व लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान- 'कांग्रेस बताए कि उन्होंने बाबा साहेब के लिए क्या किया है? सरकार में रहने के बावजूद बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं दिया गया। इसको लेकर हमारी पार्टी में गुस्सा था।'

आरएसएस का ट्वीट- 'न्यायालय के निर्णय की आड़ में जिस प्रकार से आरएसएस के बारे में विषैला दुष्प्रचार करने का प्रयास किया जा रहा है, वह आधारहीन व निंदनीय है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का न्यायालय के इस निर्णय से कोई संबंध नहीं।'


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