भय्यू महाराज की मौत की खबर सुनते ही ब्लैकमेलर युवती ने राजदार को किया था कॉल
शरद ने उस युवती के बारे में पुलिस को अहम जानकारी दी जिस पर महाराज का अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग करने का आरोप है।
इंदौर, नईदुनिया। संत भय्यू महाराज आत्महत्या केस में पुलिस ने बुधवार को प्रमुख संदेही शरद देशमुख और सेवादार शेखर शर्मा से 10 घंटे पूछताछ की। शरद ने उस युवती के बारे में पुलिस को अहम जानकारी दी जिस पर महाराज का अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग करने का आरोप है।
शरद ने कबूला कि महाराज की आत्महत्या के तत्काल बाद युवती ने उसे कॉल किया था। शक गहराने पर पुलिस ने शरद का मोबाइल जब्त कर लिया है। बाद में महाराज के दोस्त भी पुलिस के पास पहुंचे। तीनों ने पूछताछ में तीन अलग-अलग कहानियां सुनाईं। दो ने ब्लैकमेलिंग से इनकार किया और पत्नी पर प्रताड़ना के आरोप लगाए तो तीसरे ने ब्लैकमेलिंग से महाराज के परेशान होने की बात कही।
संदेही शरद देशमुख निवासी पारनेर (रालेगांव सिद्धि) और शेखर शर्मा अकोला (महाराष्ट्र) को सीएसपी सुरेंद्रसिंह तोमर ने बुधवार दोपहर नोटिस देकर तलब किया। शरद पर आरोप है कि आश्रम से जुड़ी एक युवती के जरिए मुख्य सेवादार विनायक के साथ मिलकर भय्यू महाराज को ब्लैकमेल कर रहा था। आत्महत्या के एक दिन पूर्व उक्त युवती ने शरद के फोन कॉन्फ्रेंस के जरिए महाराज से बातचीत भी की थी। उसने 40 करोड़ रुपए की मांग की और धमकी देते हुए कहा कि वह मीडिया के सामने संबंध उजागर कर देगी।
शरद ने पूछताछ में यह तो कबूल किया कि उसकी युवती से बातचीत होती रहती थी। 12 जून को जैसे ही महाराज ने गोली मारकर आत्महत्या की, उसके पास युवती का फोन आ गया। उसने कहा, मैंने अभी-अभी टीवी पर महाराज की मौत की खबर सुनी है। मुझे बताओ महाराज मर गए क्या। उधर शरद ने ब्लैकमेलिंग से इनकार करते हुए कहा कि उसके युवती से भाई-बहन जैसे रिश्ते थे। पुलिस को उसकी बातों पर शक है। उसका मोबाइल जांच के लिए रख लिया है।
दुष्कर्म की खबर वाट्सएप की तो पत्नी रातभर महाराज से लड़ती रही
पूछताछ में सेवादार शेखर शर्मा ने भी ब्लैकमेलिंग से साफ इनकार किया। उसने कहा कि डॉ.आयुषी से शादी के बाद महाराज तनाव में रहने लगे थे। दोनों में अक्सर विवाद होता रहता था। 11 जून को वह महाराज के साथ पुणे जा रहा था। लेकिन वे सेंधवा से लौटकर घर आ गए। रात करीब 11.30 बजे मैंने दिल्ली के शनि उपासक महाराज पर दर्ज दुष्कर्म की खबर डॉ.आयुषी को वाट्सएप कर दी। सुबह मैं घर सिल्वर स्प्रिंग पहुंचा तो महाराज रुआंसे हो गए।
उन्होंने कहा कि खबर पढ़ कर उसने (डॉ.आयुषी) ने बहुत लड़ाई की। मैं बहुत परेशान हो चुका हूं। सुबह चाय के साथ बिस्किट खाए और कहा कि मेरी बेटी (कुहू) आने वाली है। ड्राइवर को एयरपोर्ट रवाना कर दिया। इस बीच डॉ.आयुषी गुस्से में कॉलेज रवाना हो गई। महाराज कुहू के कमरे में गए और उसकी फोटो तलाशी। कुछ देर बाद गोली चलने की आवाज आई। कर्मचारी योगेश चौहान, गोलू, पीडी आदि दौड़े और महाराज को देखा।
आयुषी ने कर्मचारियों के खातों से लाखों रुपए निकाले
शेखर ने डॉ.आयुषी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उसने कहा कि कुहू को लेकर अक्सर विवाद करती थी। एक बार महाराज डॉ.पवन राठी को मानसिक तनाव के बारे में बता रहे थे। आयुषी ने दरवाजे की ओट से बातें सुन ली और महाराज से जमकर विवाद किया। डॉ.राठी को अपशब्द कहे और घर से बाहर भेज दिया। शेखर ने कहा कि महाराज की मौत के बाद आयुषी ने कर्मचारी अनिल परदेशी, शरद देशमुख, योगेश चौहान, प्रवीण घाड़गे, रोशन देशमुख के खातों से लाखों रुपए निकाल लिए हैं।
दूसरी शादी करते ही महाराज के घर में घुस गई थी युवती
उधर, बुधवार को महाराज के दोस्त मनोहर सोनी दोबारा सीएसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने कहा कि ड्राइवर कैलाश उर्फ भाऊ पाटिल ने सच कहा है। महाराज ने ब्लैकमेलिंग के कारण जान दी है। जो युवती ब्लैकमेल कर रही थी वह आयुषी से शादी करने के सात दिन बाद महाराज के घर आ गई। बेडरूम में घुसने की कोशिश की और कहा मैं यहीं रहूंगी। उस वक्त महाराज बाहर गए हुए थे। कुछ लोगों ने समझाया तो कहा कि मुझे मेरे घर भेजा तो आत्महत्या कर लूंगी। महाराज से फोन पर बात करवाई तो उन्होंने कहा इसे घर में रुकने दो। लेकिन आयुषी भड़क गई और कहा इसे एक पल भी नहीं रुकने दूंगी।
पुलिस को सौंपेंगे ट्रस्ट की कार का मामला, दर्ज होगा धोखाधड़ी का केस
भय्यू महाराज के ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर्ड 28 लाख की कार के भाजयुमो नेता मयूरेश पिंगले के नाम ट्रांसफर होने के मामले को परिवहन विभाग जांच के लिए पुलिस को सौंपेगा। इसके बाद पिंगले के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो सकता है। ट्रस्ट के सचिव तुषार पाटिल ने अब तक अपने बयान दर्ज नहीं करवाए हैं।
उधर, मयूरेश ने अपने बयान में कार को गिफ्ट करने की बात कही है, जबकि उसकी एक रिकॉर्डिंग भी अफसरों तक पहुंची है। इसमें वह पाटिल से कह रहा है कि कार के बदले में महाराज को पांच लाख रुपए दे चुका है। इधर, परिवहन विभाग के बाबू देवेंद्र बनवारिया और एआरटीओ निशा चौहान की लापरवाही भी सामने आई है। बुधवार को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में अब तक की जांच की जानकारी ली। वहीं जांच में हो रही देरी को लेकर जांच अधिकारी एआरटीओ अर्चना मिश्रा को कड़े निर्देश दिए हैं।