मुकुल को लेकर बंगाल भाजपा असहज
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय पार्टी में अपना सभी पद गंवाने के बाद रणनीति बनाने में जुटे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं, लेकिन पार्टी के लिए यह आसान नहीं होगा। दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ मुलाकात के बाद
कोलकाता, जागरण ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय पार्टी में अपना सभी पद गंवाने के बाद रणनीति बनाने में जुटे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं, लेकिन पार्टी के लिए यह आसान नहीं होगा। दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ मुलाकात के बाद आशंका जताई जा रही है कि मुकुल को पार्टी में जगह मिल सकती हैै। साथ ही उनके विधायक भी शामिल हो सकते हैं। लेकिन प्रदेश भाजपा इस फैसले पर असहज है, क्योंकि सारधा चिटफंड घोटाले की कालिख का छींटा मुकुल के दामन पर भी है।
खबर है कि मुकुल को भाजपा में शामिल करने को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बीच लंबी चर्चा हुई। इससे पहले मुकुल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ भी उनकी मुलाकात की चर्चा है। मुकुल के भाजपा नेताओं से बढ़ती नजदीकियों ने तृणमूल में भी गर्माहट पैदा कर दी है। चर्चा है कि नगर निगम चुनाव के बाद मुकुल के करीबी तृणमूल के 34 विधायक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
चर्चा के बीच प्रदेश भाजपा ने सोमवार को फिर स्पष्ट किया कि दागी नेता को क्लीनचिट नहीं मिलने तक पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल के प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को मुकुल मामले में स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें सारधा मामले में क्लीनचिट नहीं मिलती है, भाजपा का रास्ता नहीं खुलेगा। कहा, भाजपा के किसी नेता व राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुकुल की मुलाकात नहीं हुई है। केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री व पश्चिम बंगाल में भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि तृणमूल सांसद मुकुल रॉय ने भाजपा समेत कई राजनीतिक पार्टियों से प्रस्ताव मिलने की बात कही है। अब उन्हें यह साफ करना चाहिए कि भाजपा के किस नेता के साथ उनकी बात हुई है।
मुकुल के करीबी एसपी पर गिरी गाज
कोलकाता। मुकुल रॉय को तृणमूल कांग्रेस में महत्वपूर्ण पदों से बेदखल करने के बाद अब उनके करीबी अधिकारियों पर भी गाज गिर रही है। मुकुल के करीबी माने जाने वाले बद्र्धमान के पुलिस अधीक्षक एसएमएच मिर्जा का तबादला कम महत्वपूर्ण माने जाने वाले बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट के एसएसएफ विभाग में कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर यह फेरबदल किया गया है।