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FATF की बैठक से पहले पाक की एक और नई चाल, आतंकी सरगना सलाहुद्दीन को माना ISI अफसर

इस दस्तावेज से यह बात साबित हो रही है कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आतंकियों के साथ मिलकर काम करती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 10:47 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 07:53 AM (IST)
FATF की बैठक से पहले पाक की एक और नई चाल, आतंकी सरगना सलाहुद्दीन को माना ISI अफसर
FATF की बैठक से पहले पाक की एक और नई चाल, आतंकी सरगना सलाहुद्दीन को माना ISI अफसर

नई दिल्ली, आइएएनएस। एफएटीएफ की बैठक से ऐन पहले पाकिस्तान खुद अपना पैर कुल्हाड़ी पर मार रहा है। इस बार उसने आतंकी सरगना सैयद सलाहुद्दीन के खुफिया संगठन आइएसआइ के लिए काम करना स्वीकार किया है। हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना के लिए यह बात खुद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने स्वीकार की है। पाकिस्तानी इससे पहले आतंकी सरगना दाऊद इब्राहीम के पाकिस्तान में होने की सच्चाई स्वीकार कर चुका है।

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भारतीय एजेंसियों के हाथों में वह दस्तावेज आ गया है जिसमें आइएसआइ ने खुद माना है कि सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह (सैयद सलाहुद्दीन) आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का अमीर है। यह संगठन आइएसआइ के साथ मिलकर काम करता है और सलाहुद्दीन आइएसआइ का ही अधिकारी है।

पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियां आंतकियों के साथ कर रही हैं काम

इस दस्तावेज से यह बात साबित हो रही है कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आतंकियों के साथ मिलकर काम करती है। यह दस्तावेज पाकिस्तान के खुफिया मामलों के निदेशालय, इस्लामाबाद के डायरेक्टर कमांडिंग वजाहत अली खान ने 20 सितंबर, 2019 को जारी किया है और यह 31 दिसंबर, 2020 तक वैध है। यह दस्तावेज सैयद सलाहुद्दीन के नाम से जारी हुआ है, जिसमें कहा गया है कि सलाहुद्दीन और उसकी टोयोटा लैंड क्रूजर गाड़ी संख्या आइडीएल 5577 को कहीं पर अनावश्यक रूप से नहीं रोका जाए।

भारत इस दस्तावेज को एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की अक्टूबर में पेरिस में होने वाली बैठक में पेश कर सकता है और पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने की मांग कर सकता है। बता सकता है कि पाकिस्तान में सरकार और आतंकियों का रिश्ता बदस्तूर जारी है, दोनों पड़ोसी देशों को आतंकवादी गतिविधियों से परेशान करने के लिए मिलकर काम कर रहे है। बीते ढाई साल से ग्रे लिस्ट में पड़ा पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में डाले जाने से बचने की लगातार कोशिश कर रहा है। भारत के पास वे दस्तावेज भी मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि दुनिया भर में वांछित आतंकियों को पाकिस्तान में किस तरह से वैध वाहन पास और उच्च सुरक्षा क्षेत्र में जाने की अनुमति दी जाती है।


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