Ayodhya Verdict : अयोध्या पर फैसले से पहले वाट्सएप ग्रुप एडमिन ओनली मोड पर
मैसेजिंग एप वाट्सएप के तमाम समूह शुक्रवार रात से ही एडमिन ओनली मोड पर चले गए। ऐसा अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों के निर्देश पर हुआ।
हैदराबाद, आइएएनएस। मैसेजिंग एप वाट्सएप के तमाम समूह शुक्रवार रात से ही 'एडमिन ओनली' मोड पर चले गए। ऐसा अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों के निर्देश पर हुआ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों की सोशल मीडिया पर पूरी नजर है। किसी भड़काऊ सामग्री के प्रचार में आने से पहले ही उसे रोकने की तैयारी कर ली गई है।
पता चला है कि शुक्रवार रात जैसे ही जानकारी मिली कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला शनिवार को आएगा। लोगों ने जैसे ही अपने समूहों को इस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू की, वैसे ही पता चला कि उनकी सेवा 'एडमिन ओनली' के मोड पर चली गई है। ऐसा आने वाले कुछ दिन तक बना रहेगा। इससे कोई भी सदस्य मैसेजिंग एप पर आपत्तिजनक सामग्री नहीं डाल सकेगा जिससे किसी तरह के तनाव की स्थिति पैदा हो।
सभी सोशल मीडिया उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे अपने अकाउंट से किसी तरह की आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट न करें। अगर किसी तरह से यह सामग्री सर्कुलेट (प्रचार) में आ भी गई, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन का हक रामजन्मभूमि न्यास को देने का आदेश सुनाया है। मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन किसी दूसरी जगह दी जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि अंग्रेजों के आने से पहले राम चबूतरा, सीता रसोई पर हिंदुओं द्वारा पूजा की जाती थी। अभिलेखों में दर्ज साक्ष्य से पता चलता है कि हिंदुओं का विवादित भूमि के बाहरी हिस्से पर कब्जा था। मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले में कई विरोधाभास है, लिहाजा हम फैसले से संतुष्ट नहीं है।