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जीवन में कुछ भी करने से पहले बड़ी सोच के साथ चाहिए कड़ी मेहनत, तभी सफलता चूमेगी आपके कदम

सीईओ रजत गांधी कहते हैं कि कोरोना काल चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन पीटुपी लेंडिंग प्लेटफार्म्स ने 12 से 14 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। मैं मानता हूं कि हमें बड़ा एवं सकारात्मक सोचने के साथ-साथ हमेशा कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना चाहिए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 10:01 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 10:01 AM (IST)
किसी भी सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का होना अच्छा है

[अंशु सिंह]। बैंकों की लंबी-चौड़ी प्रक्रिया से गुजरने के बजाय ग्राहकों को न्यूनतम दर एवं आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रजत गांधी ने अपने दो अन्य सह-संस्थापकों के साथ मिलकर आनलाइन पीयर टु पीयर लेंडिंग प्लेटफार्म 'फेयरसेंट' की नींव रखी थी। यह देश का पहला लेंडिंग प्लेटफार्म है, जिसे आरबीआइ द्वारा एनबीएफसी-पीटुपी लाइसेंस प्राप्त है। 2020-21 के वित्तीय वर्ष में प्लेटफार्म से करीब 1945 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। इससे पहले के वित्तीय वर्ष में करीब 920 करोड़ रुपये के लोन का वितरण किया गया था। एक मार्केटर,स्ट्रेटेजिस्ट एवं ब्रांड बिल्डर के तौर पर 20 से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले कंपनी के सीईओ रजत कहते हैं कि कोरोना काल चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन पीटुपी लेंडिंग प्लेटफार्म्स ने 12 से 14 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। मैं मानता हूं कि हमें बड़ा एवं सकारात्मक सोचने के साथ-साथ हमेशा कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना चाहिए।

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दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और फिर एमबीए करने के बाद रजत ने एक बड़े मीडिया ग्रुप के साथ करियर की शुरुआत की। वहां १४ वर्ष काम करने के दौरान उन्होंने तमाम तरह के नये कदम उठाए। वह टीबीएसएल कंपनी (टाइम्स जॉब, मैजिक ब्रिक्स, सिंपलीमैरी डाट काम आदि) के संस्थापकों में शामिल रहे। इसके बाद उन्होंने परफार्मिक्स कंपनी ज्वाइन की, जो शिकागो स्थित पब्लिसिस ग्रुप की ड़िजिटल मार्केटिंग एजेंसी थी। बताते हैं रजत, मैंने शुरुआती दौर में ही देश में इंटरनेट को बढ़ते हुए देखा है। आनलाइन रोजगार एवं वैवाहिक कंपनी संचालित करने के अपने अनुभवों के मद्देनजर जब खुद की पीयर टु पीयर आनलाइन लेंडिंग कंपनी फेयरसेंट शुरू की, तो खास मुश्किल नहीं हुई।

निजी अनुभवों से आइडिया

रजत कहते हैं कि पीटुपी का आइडिया कुछ निजी अनुभवों से आया। मेरे एक सहयोगी अलग-अलग दोस्तों से छोटे कर्ज लिया करते थे। एक बार उन्हें मोटरसाइकिल खरीदनी थी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट डालकर दोस्तों एवं परिवारवालों से आर्थिक मदद मांगी। एक हफ्ते में ही वह अपनी मोटरसाइकिल से आफिस आने लगे। इस तरह की कई अन्य घटनाओं एवं मेरे पूर्व के अनुभवों ने फेयरसेंट की नींव रखने में मदद की। 2011 में जब आइडिया पर काम करना शुरू किया, तब पीटुपी फाइनेंस के लिए इकोसिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं हुआ था। हमारे सामने दो बड़ी चुनौतियां थीं। बिजनेस को स्केलेबल बनाना और विश्वसनीयता कायम करना। लोगों की क्रेडिट हिस्ट्री को जानने या परखने के लिए कोई क्रेडिबल ब्यूरो डेटा नहीं था। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट के विकल्प भी नहीं थे। दो साल लगे। फिर अपने सह-संस्थापक एवं कंपनी के सीओओ विनय मैथ्यू एवं नितिन गुप्ता के साथ मिलकर हमने कंपनी में निवेश किया। इसके बाद प्रोडक्ट को बनाने में करीब एक वर्ष लगे और आखिरकार 2014 में हमने इसे लांच किया। 

स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में विश्वास

भारत में बहुत बड़ा क्रेडिट गैप है। यहां एक बड़ी आबादी आज भी बैंकों का फायदा या तो बिल्कुल ही नहीं या फिर बहुत कम उठा पा रही है। ऐसे में पीटुपी लेंडिंग प्लेटफार्म ग्राहकों को आकर्षक रिटर्न देने के साथ ही विविध पोर्टफोलियो बनाने में मदद करते हैं। रजत की मानें, तो मांग एवं आपूर्ति को जोड़ते हुए इनकी कंपनी ने निवेश के लिए लोगों को वैकल्पिक माध्यम दिया है। इससे लघु एवं मध्यम उद्यमियों के साथ ही पर्सनल लोन आसानी से मिल पा रहे हैं। वह कहते हैं, यह सच है कि पीटुपी लेंडिंग स्पेस में अनेक आनलाइन प्लेटफार्म हैं। लेकिन आरबीआइ द्वारा सभी पीटुपी आनलाइन कंपनियों को एनबीएफसी-पीटुपी में रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता से सही कंपनी ही सर्वाइव कर पाएगी। मैं मानता हूं कि किसी भी सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का होना अच्छा है। बाजार में जितने अधिक प्लेयर्स होंगे, उतनी इसके प्रति जागरूकता आएगी।

ईमानदारी से समझौता नहीं

इस इंडस्ट्री में निवेश हो रहे हैं। विस्तार हो रहा हैं। नई एवं इनोवेटिव टेक्नोलाजी आ रही है। रजत कहते हैं, हमारा अब तक का सफर चुनौतियों से भरा, लेकिन संतोषप्रद रहा है। हमने अनेक जिंदगियों को प्रभावित किया है। यही मुझे नई वित्तीय व्यवस्था बनाने के लिए प्रेरित करती है और मैं आगे बढ़ता जाता हूं। मैं हर किसी के सुझावों पर ध्यान देने के बजाय अपने कान्सेप्ट, कारोबार माडल, विजन एवं कुछ अच्छे सुझावों पर विश्वास करता हूं। मैं ईमानदारी से कोई समझौता नहीं करता। मुझे गर्व है कि बूटस्ट्रैप्ड कंपनी के रूप में शुरुआत के बाद फंड रेज करते हुए हमने बिजनेस को बढ़ाया और बहुत कम समय में उपलब्धियां हासिल कीं। हालांकि अभी काफी आगे जाना है। कोरोना काल में हमने उन इलाकों के छोटे उद्यमियों, रिटेलर्स, पेशेवरों के साथ व्यक्तिगत लोगों को पर्सनल लोन दिए, जहां महामारी का प्रभाव कम था। हमारी टीम लगातार इनोवेशन कर रही है, जिससे कि बदली परिस्थितियों में लोगों की आर्थिक जरूरतें पूरी की जा सकें।

रजत गांधी

(सीईओ, फेयरसेंट)


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