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बीटिंग रिट्रीट में शास्त्रीय वाद्य यंत्र दस्ते ने बांधा समा

बीटिंग रिट्रीट में पहली बार शामिल हुए भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्र दस्ते ने ऐसा समा बांधा कि समारोह में मौजूद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य अतिथि और दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2016 09:48 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2016 09:21 AM (IST)
बीटिंग रिट्रीट में शास्त्रीय वाद्य यंत्र दस्ते ने बांधा समा

नई दिल्ली। बीटिंग रिट्रीट में पहली बार शामिल हुए भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्र दस्ते ने ऐसा समा बांधा कि समारोह में मौजूद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य अतिथि और दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।

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इस अवसर पर तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी मौजूद थे। बताया जाता है कि शास्त्रीय वाद्य यंत्र दस्ते की ओर से प्रस्तुत की गई नई धुनों को खासतौर पर तैयार किया गया था। बीटिंग रिट्रीट के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न हो गया। शुक्रवार शाम सूर्यास्त से ठीक एक घंटे पहले तक विजय चौक पर आयोजित किए गए इस संगीतमय आयोजन में तीनों सेनाओं के बैंडों ने सामूहिक प्रस्तुतियां तो दी ही, एकल प्रस्तुतियां भी दीं।

महात्मा गांधी का पसंदीदा धुन "अबाइड विद मी", ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, ताकत वतन की हमसे है, को जब सामूहिक सेना के बैंड ने प्रस्तुत किया तो विजय चौक पर समारोह के साक्षी बनने आए हजारों लोग तालियां बजाने को मजबूर हो गए।

समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड द्वारा "कदम-कदम बढ़ाए जा..." की प्रस्तुति से हुई, इसकी धुन कैप्टन राम सिंह व मेजर एचबी ब्रॉल ने तैयार की थी। इस साल बीटिंग रिट्रीट में 15 मिलिट्री बैंड और 21 पाइप एवं ड्रम्स बैंड ने भाग लिया। इसके अलावा भारतीय नौसेना और वायु सेना के मिलिट्री बैंडों ने भी समारोह में हिस्सा लिया।
क्या है बीटिंग रिट्रीट
बीटिंग रिट्रीट सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है, जब सूर्यास्त होने पर सेना युद्ध बंद कर देती थी। जैसे ही बिगुल वादक समापन की धुन बजाते थे, वैसे ही सैनिक युद्ध बंद कर युद्ध के मैदान में लौट पड़ते थे। इसी कारण समापन धुन बजने के दौरान अविचल खड़े रहने की परंपरा आज तक कायम है। इस अवसर पर ड्रम वादन उन दिनों की यादगार है, जब कस्बों और शहरों में तैनात सैनिकों को सांयकाल एक नियत समय पर उनके सैन्य शिविरों में बुला लिया जाता था।
जनता के बीच पहुंचे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर जनता से जुड़ने से खुद को रोक नहीं सके। समारोह के दौरान अलग-अलग धुनों का आनंद लिया और प्रसन्न मुद्रा में दिखाई दिए। बीटिंग रिट्रीट के बाद वे विजय चौक भी पर मौजूद दर्शकों से मिलने के लिए उनके बीच जा पहुंचे।


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