मार खाई, पर नहीं बोला पाकिस्तान जिंदाबाद
"पाकिस्तान की जय नहीं बोलूंगा, चाहे गोली मार दो। मार खाई, पर मैंने पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बोला। पाकिस्तानी कोस्टल गार्ड ने मार-मार कर मेरी ये हालत कर दी कि मेरी दाहिनी पसली टूट गई, जिसके चलते मुझे कई माह तक पाक में अस्पताल में रहना पड़ा।
अमृतसर [विपिन कुमार राणा]। "पाकिस्तान की जय नहीं बोलूंगा, चाहे गोली मार दो। मार खाई, पर मैंने पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बोला। पाकिस्तानी कोस्टल गार्ड ने मार-मार कर मेरी ये हालत कर दी कि मेरी दाहिनी पसली टूट गई, जिसके चलते मुझे कई माह तक पाक में अस्पताल में रहना पड़ा।" ये खुलासा पाकिस्तान कराची की लांडी जेल से छूटकर भारत आए उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के सतबीर सिंह ने किया। सतबीर 86 मछुआरों के साथ पाक से रिहा होकर भारत लौटा है।
अमृतसर रेडक्रॉस भवन में मछुआरों ने बताया कि पकड़े जाने पर उनके साथ मारपीट शुरूहो जाती है, जो जेल पहुंचने तक जारी रहती है। अमानवीय यातनाएं देते हुए उन्हें जबरदस्ती पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने के लिए विवश किया जाता है। गुजरात के मोहन, शबगन, चिरवली, गीर सोमनाथ ने बताया कि 27 व 28 फरवरी 2015 को नाव से समुद्र से मछली पकड़ने गए थे।
पांच मार्च को वह पाक सीमा में चले गए, जहां पाक के कोस्टल गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया। 17 वर्षीय दमन दीव के किशोर बसंत ने बताया कि 23 जनवरी, 2015 को वह मुकेश रमा व शिवजी कलसन समेत 5 लोगों के साथ गलती से पाक सीमा में घुस गया था। वहीं, जम्मू कश्मीर के इनायतुल्ला मीर को लेकर 15 दिन बाद भी कोई लेने नहीं पहुंचा है। वह रेडक्रॉस भवन अमृतसर में रह रहा है।