द्विअर्थी संवादों से परहेज करें टीवी चैनल
नई दिल्ली। टेलीविजन के ज्यादातर कॉमेडी शो में द्विअर्थी संवादों से नाराज प्रसारण सामग्री शिकायत परिषद [बीसीसीसी] ने मनोरंजन चैनलों को हास्य के नाम पर परोसे जाने वाले गाली-गलौच, भद्दे, भौंडे और द्विअर्थी संवादों को मादक अंदाज में पेश करने से परहेज करने की हिदायत दी है। टीवी उद्योग की स्वनियमित संस्था ने शुक्रवार को जारी एडवायजरी में चैनलों को सीमा नहीं लांघने को कहा है।
नई दिल्ली। टेलीविजन के ज्यादातर कॉमेडी शो में द्विअर्थी संवादों से नाराज प्रसारण सामग्री शिकायत परिषद [बीसीसीसी] ने मनोरंजन चैनलों को हास्य के नाम पर परोसे जाने वाले गाली-गलौच, भद्दे, भौंडे और द्विअर्थी संवादों को मादक अंदाज में पेश करने से परहेज करने की हिदायत दी है। टीवी उद्योग की स्वनियमित संस्था ने शुक्रवार को जारी एडवायजरी में चैनलों को सीमा नहीं लांघने को कहा है।
परिषद ने बताया कि उसे विभिन्न चैनलों पर प्रसारित होने वाले कॉमेडी शो में इस्तेमाल होने वाले द्विअर्थी संवादों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही हैं। परिषद को लगता है कि कई बार शो के प्रतिभागी आम तौर पर स्वीकार्य सीमाओं को पीछे छोड़ देते हैं। वहीं, कई बार उन्हें दी गई सामग्री में ऐसे संवाद डाले जाते हैं, जो सामान्य तौर पर अस्वीकार्य होते हैं। परिषद ने सुझाव दिया है कि ऐसे कॉमेडी शो बनाने वालों को भारतीय दर्शकों की भावनाओं और सामाजिक मूल्यों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही चैनलों को सलाह दी गई है कि समुदाय, धर्म, कार्यक्षेत्र और हस्तियों का उपहास करने के बजाय संवादों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखा जाए। हास्य हमारे जीवन का अहम रंग है और टीवी चैनलों द्वारा इससे जुड़े कार्यक्रम बनाना और प्रसारित करना स्वाभाविक है। हालांकि, परिषद के अध्यक्ष एपी शाह को लगता है कि स्वस्थ मनोरंजन, अश्लीलता और द्विअर्थी हास्य को बांटने वाली रेखा का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
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