अगस्त से होने वाली बार की परीक्षाएं स्थगित, वकीलों को आर्थिक मदद के लिए दाखिल होगी याचिका
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) ने 16 अगस्त से प्रस्तावित ऑल इंडिया बार एक्जामिनेशन (All India Bar Examination) को स्थगित कर दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने 16 अगस्त से प्रस्तावित ऑल इंडिया बार एक्जामिनेशन (एआइबीई) को स्थगित कर दिया है। काउंसिल ने यह फैसला कोरोना वायरस के संक्रमण के हालात और इसके चलते देश के कई इलाकों में लगी आवागमन पर रोक के चलते लिया है। साथ ही परीक्षा के लिए आवेदन स्वीकार करने की तिथि भी 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है।
एआइबीई में एलएलबी या एलएलएम उत्तीर्ण वे व्यक्ति बैठ सकते हैं जो वकालत करने के इच्छुक होते हैं। अधिवक्ताओं की शीर्ष संस्था बीसीआइ का चुनाव विभिन्न प्रदेशों में निर्वाचित बार काउंसिलों के पदाधिकारी और सदस्य करते हैं। जल्द ही बीसीआइ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार के लिए वकीलों को आर्थिक सहायता देने का आदेश जारी करने की मांग करेगी। याचिका में जरूरतमंद वकीलों को मामूली दर तीन लाख रुपये का कर्ज दिलाए जाने की भी मांग की जाएगी।
इस आशय का फैसला बुधवार को बीसीआइ की सभी राज्यों के बार काउंसिल सदस्यों और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों की वर्चुअल मीटिंग में लिया गया। मीटिंग में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि वायरस संक्रमण के चलते देश में महीनों से अदालतों का कामकाज बाधित है। इसके चलते बड़ी संख्या में वकील आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। ऐसे सभी वकीलों को अविलंब सरकारी मदद की जरूरत है।
उधर यूजीसी ने अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षा सितंबर के अंत में कराने के अपने निर्णय को उचित ठहराया है। यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि देशभर में छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को बचाने के लिए ऐसा किया गया है। यूजीसी ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने संबंधी छह जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 50 पेज का हलफनामा न्यायालय में दाखिल किया। इसमें कहा गया है कि महामारी की स्थिति को देखते हुए उसने विशेषज्ञ समिति से 29 अप्रैल के दिशा-निर्देशों पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था।