Move to Jagran APP

एनआरसी व सीएए के डर से रात के अंधेरे में भाग रहे बांग्लादेशी, लौट रहे अपने देश

दशकों से भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये अब डर के साये में अपने वतन लौट रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 11:33 PM (IST)
एनआरसी व सीएए के डर से रात के अंधेरे में भाग रहे बांग्लादेशी, लौट रहे अपने देश
एनआरसी व सीएए के डर से रात के अंधेरे में भाग रहे बांग्लादेशी, लौट रहे अपने देश

राजीव कुमार झा, कोलकाता। दशकों से भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये अब डर के साये में अपने वतन लौट रहे हैं। राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स, एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, सीएए) ने यह डर पैदा किया है। ऐसे सैकड़ों लोगों को, जो भारत से वापस बांग्लादेश में घुसने का प्रयास कर रहे थे, बांग्लादेश बार्डर गार्ड्स (बीजीबी) ने अपनी सीमा पर पकड़ा है। ऐसे बहुत से लोगों को बांग्लादेश की पुलिस हिरासत में रखकर जांच भी कर रही है। हालांकि, सच यह है कि जितने लोग पकड़े गए हैं, उससे कहीं अधिक लोग सीमापार कर बांग्लादेश में घुसने में सफल हो गए हैं। सिलसिला जारी है।

loksabha election banner

बीएसएफ ने कहा- डर के कारण चोरी-छिपे भाग रहे घुसपैठिये

बांग्लादेश पूरा प्रयास कर रहा है कि ये लोग वापस उसकी सीमा में न घुसने पाएं। इसके लिए बीजीबी ने बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव के लोगों को साथ मिलकर एक सुरक्षा कमेटी भी गठित की है, जो बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे लोगों पर नजर रख रही है। इधर, बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा की रखवाली कर रही बीएसएफ के अधिकारियों का भी कहना है कि एनआरसी के डर से भारत में सालों से रह रहे अवैध घुसपैठिये चोरी-छिपे वापस जा रहे हैं। हालांकि इनका कहना है कि बॉर्डर पर उन्हें पकड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद रात के अंधेरे में जंगल आदि के रास्ते ये लोग सीमा पार करने में सफल हो रहे हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, चूंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा के बड़े इलाके में फेंसिंग और बिजली नहीं है और इलाका नदियों और घने जंगलों से घिरा है, ऐसे में चोरी-छिपे कुछ लोग वहां प्रवेश करने में सफल हो जाते हैं। दिलचस्प यह है कि जिन कमजोरियां का लाभ उठाकर घुसपैठिया भारत में प्रवेश कर जाते थे, अब उसी राह वापस भाग रहे हैं। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक अधिकारी के अनुसार, इनमें ज्यादातर लोग मजदूर आदि हैं, जो गरीबी के कारण काम-धंधे के लिए यहां अवैध रूप से रह रहे थे।

खौफ की एक बानगी..

बताते हैं कि बांग्लादेश के झिनाइदा जिले से सटे सीमावर्ती महेशपुर उप जिला से होकर नवंबर से अब तक हजारों लोगों ने रात के अंधेरे में बांग्लादेश में प्रवेश किया है। बांग्लादेशी बॉर्डर गॉ‌र्ड्स ने पिछले महीने करीब 300 लोगों को महेशपुर उप जिला से पकड़कर पुलिस को सौंपा था। सीमा के करीब रहने वाले ग्रामीणों का दावा है कि बड़ी संख्या में लोग भारत से बांग्लादेश को भाग रहे हैं। इससे परेशान पड़ोसी देश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि रोहिंग्या लोगों ने पहले ही हमारी परेशानी बढ़ा रखी है। अब अगर भारत से भी लोग आने लगे तो हमें बहुत दिक्कत होगी। इनका दावा है कि 300 से 400 लोग रोजाना भारत से बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे है। इधर, बांग्लादेश ने पश्चिमी जिलों से लगने वाली सीमा पर सुरक्षा भी बढ़ा दी है।

घुसपैठियों के पास से भारतीय पहचान पत्र भी बरामद

भारत से बांग्लादेश में घुसने का प्रयास करते हुए पकड़े जा रहे लोगों को लेकर वहां की पुलिस का कहना है कि इनमें से अधिकांश खुद को बांग्लादेशी बता रहे हैं जो काम के सिलसिले में लंबे समय से भारत में रह रहे थे। अब भारत में हालात बदलने के बाद वापस लौट रहे हैं। बीजीबी और बांग्लादेश पुलिस का दावा है कि इन घुसपैठियों के पास से भारतीय पहचान पत्र भी बरामद हो रहे हैं। पुलिस अवैध प्रवेश करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी है। इनमें से कई परिवारों के छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। ऐसे में ये घुसपैठिये कानूनी पचड़े में फंसकर हिरासत में रहने को मजबूर हैं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.