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वेब सीरीज में बनारस की धमक, घाट और गलियां बने शूटिंग स्पॉट; मीरजापुर से चला ट्रेंड

वेब सीरीज ‘कागज’ के निर्देशक जवाहर लाल का कहना है कि बेव सीरीज के तेजी से प्रचलित होने की मुख्य वजह इनकी कहानियों में प्रयोग के अवसरों की स्वतंत्रता है। लगातार प्रयोग हो रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 09:52 AM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 03:21 PM (IST)
वेब सीरीज में बनारस की धमक, घाट और गलियां बने शूटिंग स्पॉट; मीरजापुर से चला ट्रेंड
वेब सीरीज में बनारस की धमक, घाट और गलियां बने शूटिंग स्पॉट; मीरजापुर से चला ट्रेंड

कृष्ण बहादुर रावत, वाराणसी। धर्म, अध्यात्म, शिक्षा व पर्यटन के क्षेत्र में पताका फहरा चुका बनारस अब वेब सीरीज निर्माताओं की पहली पसंद बन गया है। कई नामी-गिरामी वेब सीरीज इस समय यहां शूट हो रही हैं। गलियों-घाटों पर चर्चित अभिनेता और अभिनेत्रियां का तांता लगा रहता है। यहां शूट हो चुकीं अनेक वेब सीरीज इंटरनेट की दुनिया में धूम मचा चुकी हैं।

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बनारस की पृष्ठभूमि पर बनी वेब सीरीज मीरजापुर और रबर बैंड सुपरहिट साबित हुईं। इनके अलावा अंग्रेजी में कहते हैं, काशी टू कश्मीर, कागज, महाकुंभ और ब्रह्मा की शूटिंग भी यहां हुई। इन सभी के केंद्र में वाराणसी ही है। बनारस में कुछ तो खास है जो यहां पर फिल्म निर्माता खिंचे चले आ रहे हैं। दरअसल, काशी के घाट, मंदिर और गलियों के अलावा यहां का कल्चर वेब सीरीज के निर्देशकों को बहुत भा रहा है। यही नहीं वेब सीरीज के डायलागों पर भी बनारसीपन की छाप स्पष्ट नजर आती है। हालत यह है कि मीरजापुर वेब सीरीज का सीक्वल तक बन चुका है। पूर्वांचल में यह सीरीज बहुत ही लोकप्रिय हुई। वेब सीरीज की लोकप्रियता को देखते हुए नामी-गिरामी हिंदी फिल्मों के सितारे भी अब काम करने को इच्छुक हैं।

वेब सीरीज ‘कागज’ के निर्देशक जवाहर लाल का कहना है कि बेव सीरीज के तेजी से प्रचलित होने की मुख्य वजह इनकी कहानियों में प्रयोग के अवसरों की स्वतंत्रता है। लगातार प्रयोग हो रहे हैं। एक बड़ा कारण यह भी है कि वेब सीरीज को युवा अपने मोबाइल पर भी आसानी से देख रहा है।

जवाहर ने कहा, ‘नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे इंटरनेट माध्यमों पर धारावाहिक वेब सीरीज के रूप में दिखाए जा रहे हैं। एक सीरीज में आठ से 10 एपिसोड होते हैं। एक एपिसोड 25 से 45 मिनट का होता है। कंटेंट में नयापन होता है और इसमें ऐसे मुद्दों पर भी काम होता है जो फिल्मों व धारावाहिक पर नहीं दिखाया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पर सेंसर बोर्ड का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।

वेब सीरीज का भविष्य काफी उज्ज्वल है। हर हाथ में मोबाइल स्क्रीन दरअसल निजी थियेटर सरीखा है। इसके माध्यम से वेब सीरीज धूम मचाए हुए हैं। लोकेशन के मामले में बनारस और आसपास के क्षेत्र सदाबहार हैं। -संजय मिश्र, अभिनेता

बनारस के घाटों और गलियां को देखने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मुझे यहां और पहले आना चाहिए था। मेरी कोशिश रहेगी कि जल्द यहां पर किसी वेब सीरीज की शूटिंग के लिए आऊं।

- अरुणा ईरानी, अभिनेत्री


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