कोरोना संकट के बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर सरकार ने फिर लगाई रोक, अधिसूचना में किया गया बदलाव
हालांकि अंतरराष्ट्रीय कार्गो और डीजीसीए की तरफ से छूट दी गई उड़ानों पर यह नियम लागू नहीं होगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। हालांकि निदेशालय ने यह संकेत भी दिए हैं कि इस दौरान केस दर केस के आधार पर चुनिंदा रूटों पर ऐसी उड़ानों को इजाजत दी जा सकती है।
निदेशालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 31 जुलाई तक रोक बढ़ाने का फैसला किया गया है। निदेशालय ने 26 जून की अपनी अधिसूचना में बदलाव किया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 15 जुलाई तक रोक की बात कही गई थी। देश में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर 23 मार्च को रोक लगा दी गई थी। निदेशालय ने कहा है कि चुनिंदा रूटों पर उड़ानें संभव हैं, लेकिन यह अलग-अलग मामलों पर निर्भर करेगा।
गत दिवस एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन अरविंद सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत व्यक्तिगत द्विपक्षीय बबल ( दो देशों की एयरलाइंस के बीच आने-जाने की उड़ानों का समझौता) स्थापित करने के लिए अमेरिका, कनाडा, यूरोप और खाड़ी क्षेत्र के देशों के साथ संपर्क में है। इसके पहले नागरिक विमानन मंत्रालय भी गत 23 जून को कह चुका है कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए समझौता करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने 20 जून को संकेत दिए थे कि सरकार मध्य जुलाई में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की कोशिश में है। तब तक घरेलू उड़ानें कोरोना के प्रकोप के पहले के 50 से 55 फीसद के स्तर पर पहुंचने की आशा है।
वंदे भारत मिशन के तहत तीन लाख से ज्यादा भारतीयों को विदेश से लाया गया
विदेश मंत्रालय की मानें तो सरकार ने 'वंदे भारत' अभियान के तहत अब तक 3.6 लाख से अधिक भारतीयों को विदेशों से वापस लाया है। कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कल बताया था कि कुल 5,13,047 भारतीयों ने विदेशों में भारतीय मिशनों के साथ वतन वापसी के लिए अपना अनुरोध किया है।