अफगानिस्तान से जर्मनी तक लगे पाक विरोधी नारे, एकजुट हुए बलूच
बलूचियों ने पाकिस्तान के खिलाफ जर्मनी से लेकर अफगानिस्तान तक जमकर नारेबाजी की है। इनका कहना है कि पाकिस्तान ने 1948 से ही यहां पर अवैध कब्जा किया हुआ है।
बर्लिन/काबुल (एएनआई)। बलूचिस्तान को आजाद करने की मांग करने वाली सभी राजनीतिक पार्टियों ने पाकिस्तान पर इस क्षेत्र में अवैध कब्जा करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे दमनचक्र के खिलाफ पूरी दुनिया का ध्यान खींचने के मकसद बलूच लोगों ने सोमवार का दिन 'बलूचिस्तान ऑक्योपाइड डे' काला दिवस के तौर पर मनाया। इस मौके पर जर्मनी से लेकर अफगानिस्तान तक में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के तहत किए गए इन कार्यक्रमों में पाकिस्तान की जमकर आलोचना की गई। इस दौरान बलूचिस्तान को पाकिस्तान के चंगुल से आजाद कराने के लिए पर्चे भी बांटे गए।
आजाद बलूचिस्तान के समर्थकों और एफबीएम कार्यकर्ताओं ने #BalochistanIsNotPakistan (बलूचस्तिान पाकिस्तान नहीं) के साथ सोशल मीडिया पर भी अपनी मुहिम चलाई है। सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान ने मार्च 1948 से इस क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा जमाया हुआ है। इसको लेकर एफबीएम के कार्यकर्ताओं ने जर्मनी में बर्लिन गेट पर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की। यह प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बड़े-बड़े बैनर लिए हुए थे। कुछ बैनरों में पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान में मारे गए लोगों के फोटो भी लगे थे।
इनका कहना था कि पाकिस्तान लगातार यहां के लोगों पर जुल्म ढहा रहा है और उन्ाकी नृशंस हत्या कर रहा है। इस दौरान दिए गए भाषणों में बलूच नेताओं ने कहा कि पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान में लगातार आम लोगों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतारने का काम कर रही है। इस प्रदर्शन का आयोजन एफबीएम कार्यकर्ता फतह जन बलूच ने किया था। उनका कहना था कि इस प्रदर्शन का मकसद पूरी दुनिया को पाकिस्तान का वह घिनौना चेहरा दिखाना है, जो सामने नहीं आ सका है। उन्होंने कहा कि वह इसके जरिए दुनिया को बताना चाहते हैं कि बलूचिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है और बलूच किसी भी सूरत से पाकिस्तान के साथ रहने को तैयार नहीं हैं।
फतह का कहना था कि बलूचिस्तान के लोग 1948 से ही अपनी आजादी और पाकिस्तान के अवैध कब्जे के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं। अफगानिस्तान में इस मौके पर हुए एक सेमिनार में बलूचन नेता हैबरेयर मारी ने कहा कि 27 मार्च 1948 को ही पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर हमला कर उस पर अवैध कब्जा किया था। यह दिन बलूच इतिहास में सबसे काला दिन है।
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