परीक्षण के लिए आइसीएमआर भेजी जाएगी कोरोना की 'चमत्कारी' दवा, इस मेडिसिन की भारी मांग
आंध्र प्रदेश के एसपीएस नेल्लोर जिले में कोरोना की चमत्कारी दवा के रूप में वितरित की जा रही एक आयुर्वेदिक दवा को प्रदेश सरकार ने विस्तृत अध्ययन के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को भेजने का फैसला किया है।
अमरावती, पीटीआइ। आंध्र प्रदेश के एसपीएस नेल्लोर जिले में कोरोना की 'चमत्कारी' दवा के रूप में वितरित की जा रही एक आयुर्वेदिक दवा को प्रदेश सरकार ने विस्तृत अध्ययन के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को भेजने का फैसला किया है। शुक्रवार को भी यह दवा लेने के लिए जिले के कृष्णापट्टनम गांव में कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन करके करीब 10 हजार लोगों की भीड़ जुटी जिससे वहां भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
कृष्णापट्टनम दवा के रूप में लोकप्रिय हो चुकी इस दवा के फार्मूलेशन के आन-द-स्पाट अध्ययन के लिए प्रदेश सरकार ने विशेषज्ञों की एक टीम भी नेल्लोर भेजने का फैसला किया है। कृष्णापट्टनम जिले में यह दवा आयुर्वेदिक चिकित्सक बी. आनंदैया वितरित कर रहे हैं जो पहले गांव के सरपंच और बाद में मंडल परिषद के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 21 अप्रैल को इस दवा का वितरण शुरू किया था।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी एसपीएस नेल्लोर जिले से आते हैं। उन्होंने भी केंद्रीय आयुष मंत्री किरन रिजिजू और आइसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव से इस दवा का अध्ययन करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में आयुष मंत्रालय की आयुष-64 दवा कोरोना संक्रमण के हल्के व मध्यम लक्षण वाले मरीजों के लिए कारगर पाई गई है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के विज्ञानियों के शोध में कोरोना वायरस के खिलाफ दवा के अच्छे परिणाम मिले हैं। संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए आयुष मंत्रालय ने दवा का नि:शुल्क वितरण भी शुरू कर दिया है।
यही नहीं चिकित्सा परामर्श व आहार विहार के लिए आयुष हेल्पलाइन 14443 भी शुरू की है। दरअसल, आयुष-64 एक आयुर्वेदिक औषध योग है। इसके सेवन से घर में क्वारंटाइन रहकर स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है। औषधि में विषाणुरोधी, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व ज्वरनाशक गुण भी हैं।