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रामलला का तिरपाल, पन्नी बदलने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिना किसी छेड़छाड़ के अयोध्या में रामजन्म भूमि पर विराजमान भगवान राम की मूर्ति के ऊपर फटे तिरपाल, पन्नी और रस्सियों को बदलने की इजाजत दे दी है। राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस आफताब आलम और रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने आज फैजाबाद के कमिश्नर को

By Edited By: Published: Mon, 25 Feb 2013 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2013 07:43 PM (IST)

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिना किसी छेड़छाड़ के अयोध्या में रामजन्म भूमि पर विराजमान भगवान राम की मूर्ति के ऊपर फटे तिरपाल, पन्नी और रस्सियों को बदलने की इजाजत दे दी है।

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राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस आफताब आलम और रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने आज फैजाबाद के कमिश्नर को दो पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में राम लला के ऊपर फटे तिरपाल, पन्नी और रस्सी को बदलने का आदेश दिया।

पीठ ने कहा कि 2003 में इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त दो न्यायिक अधिकारियों की देखरेख में कार्य संपन्न कराया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने दो अतिरिक्त पर्यवेक्षक को यथास्थिति के आदेश की तामील के लिए नियुक्त करने का निर्देश दिया।

पीठ ने साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की उस अर्जी को भी खारिज कर दिया जिसमें निगरानी के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों वापस बुलाने की मांग की गई थी।

गौरतलब है कि रजिस्ट्रार ने अपनी अर्जी में कहा था कि चूंकि मामले में हाई कोर्ट का फैसला आ चुका है इसलिए अब दोनों न्यायिक अधिकारियों को पर्यवेक्षक के कार्य से मुक्त कर दिया जाए, लेकिन हिंदू और मुस्लिम संगठनों ने इसका यह कहते हुए विरोध किया था कि मामले में यथास्थिति के लिए पर्यवेक्षकों का बना रहना जरूरी है।

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