Move to Jagran APP

अयोध्‍या केस: मुस्लिम पक्ष के वकील बोले- हम मान लेते हैं कि राम का जन्म वहां हुआ...

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने दलील पेश करते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि भगवान राम का सम्मान होना चाहिए।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 07:19 PM (IST)
अयोध्‍या केस: मुस्लिम पक्ष के वकील बोले- हम मान लेते हैं कि राम का जन्म वहां हुआ...

नई दिल्ली, जेएनएन। राम जन्मभूमि भूमि विवाद की सुनवाई सोमवार को 29वें दिन भी जारी रही। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने दलील पेश करते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि भगवान राम का सम्मान होना चाहिए, लेकिन भारत जैसे देश में अल्लाह का भी सम्मान है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि हम मान लेते हैं कि राम का जन्म वहां हुआ। मुस्लिम पक्ष की इस दलील से कई मायने निकाले जा रहा हैं।

loksabha election banner

अयोध्‍या जमीन विवाद मामले में अब मुस्लिम पक्ष अपनी दलील रख रहा है। इससे पहले हिंदू पक्ष को अपनी दलील रखने का समय दिया गया था। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने सोमवार को बहस को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'हम मान लेते हैं कि राम का जन्म वहां हुआ, निर्मोही अखाड़ा वहां चबूतरे पर राम की पूजा करते थे। लेकिन अंदर मस्जिद थी और वहां नमाज पढ़ी जाती रही। अब हिंदू पक्ष चाहता है कि वहां सिर्फ मंदिर रहे। इसमें कोई संदेह नहीं कि भगवान राम का सम्मान होना चाहिए, लेकिन भारत जैसे महान देश में अल्लाह का भी सम्मान है। हमारे भारत देश की नींव इसी पर रखी हुई है।'

मुस्लिम पक्ष ने कहा षड़यंत्र हुआ

इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिमों का पक्ष रखते हुए राजीव धवन ने कहा था कि सन 1985 में राम जन्मभूमि न्यास का गठन किया गया था। फिर एक सोची समझी रणनीति के तहत कार सेवकों के जरिए आंदोलन चलाया गया। नतीजतन 1992 में ढांचे को गिरा दिया गया। इसे गिराने के पीछे सुनियोजित षड़यंत्र था कि वास्तविकता को खत्म कर दिया जाए। इससे पहले सुनवाई के सातवें दिन रामलला विराजमान के वकील ने दावा किया था कि जिस जगह मस्जिद बनाई गई थी उसके नीचे मंदिर का बहुत बड़ा ढांचा था। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की रिपोर्ट में साफ है कि वहां नीचे विशाल मंदिर था। उसमें कई पिलर और स्तंभ पाए गए हैं जो ईसा पूर्व 200 साल पहले के हैं।

मामले की सुनवाई एक घंटे ज्‍यादा तक चली

अदालत ने पिछले हफ्ते सभी पक्षकारों से कहा था कि सब मिलकर कोशिश करें कि सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाए। बता दें कि केस में 28 दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है और 18 अक्टूबर तक अदालत के पास 14 कार्यदिवस का समय शेष है। यही नहीं अब एक घंटे ज्‍यादा समय तक सुनवाई होगी, इसलिए उम्‍मीद है कि 18 अक्टूबर तक मामले की सुनवाई पूरी हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.