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Ayodhya land dispute case: सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी- 18 अक्टूबर के बाद नहीं मिलेगा समय

Ayodhya land dispute case सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तय समय पर पूरी हो सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 4 हफ्तों में फैसला दे दिया तो चमत्कार हो जाएगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 11:22 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 11:58 AM (IST)
Ayodhya land dispute case:  सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी- 18 अक्टूबर के बाद नहीं मिलेगा समय
Ayodhya land dispute case: सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी- 18 अक्टूबर के बाद नहीं मिलेगा समय

नई दिल्ली, जेएनएन। अयोध्या मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ कर दिया कि इस मामले 18 अक्टूबर के बाद पक्षकारों को जिरह के लिए एक भी दिन ज्यादा नहीं मिलेगा। कोर्ट ने साफ किया कि सुनवाई पूरी करने की तिथि बढ़ाई नहीं जाएगी।

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मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई ने सभी पक्षों को कहा कि तय समय पर पूरी हो सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 4 हफ्तों में फैसला दे दिया तो चमत्कार हो जाएगा। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बोले कि आज का दिन (गुरुवार) को मिलाकर हमारे पास सिर्फ सुनवाई खत्म करने के लिए साढ़े 10 दिन बचे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को अयोध्या केस पर सुनवाई का 32वां दिन है। गुरुवार को जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई तो सबसे पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस मामले पर अपनी राय आगे रखी। बता दें कि अब तक 31 दिनों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी है।

हिंदू पक्षकारों ने अपनी दलीलें रख दी हैं और मुस्लिम पक्षकार की दलीलें जारी हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाले पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि अगर 18 अक्टूबर तक दलीलें पूरी हो जाती हैं तो चार सप्ताह में फैसला देना किसी करिश्मे से कम नहीं होगा। बता दें कि चीफ जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले भी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस बात पर टिप्पणी कर चुके हैं कि सभी पक्षों को कोशिश करनी चाहिए कि 18 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो सके। इसके बाद क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को एक महीने का वक्त इस मसले का फैसला लिखने के लिए चाहिए होगा।

सीजेआई के इसी बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई का समय बढ़ा दिया था। सुप्रीम कोर्ट में अब अयोध्या मामले को हफ्ते में पांच दिन सुना जा रहा है, साथ ही साथ इस मसले को अदालत रोजाना एक घंटा अधिक सुन रही है। यानी सुनवाई अब शाम 5 बजे तक सुनवाई की जा रही है। अदालत ने इस मामले में ये भी कहा था कि अगर जरूरत पड़ती है तो अदालत शनिवार को भी सुनवाई कर सकती है।


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