Ayodhya Demolition Case : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को विशेष जज का कार्यकाल बढ़ाने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को दो हफ्ते में विवादित ढांचा विध्वंस मामले की लखनऊ में सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल बढ़ाने के लिए आदेश जारी करने को कहा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) को दो हफ्ते के भीतर विवादित ढांचा विध्वंस मामले की लखनऊ में सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल बढ़ाने के लिए आदेश जारी करने का निर्देश दिया। जस्टिस आरएफ नरीमन (RF Nariman) एवं जस्टिस सूर्यकांत (Surya Kant) की पीठ ने कहा कि 27 जुलाई को विशेष जज ने एक नया पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने खुद को सुरक्षा मुहैया कराए जाने समेत पांच आग्रह किए हैं।
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ऐश्वर्या भाटी से सभी पांच अनुरोधों पर दो हफ्ते के विचार करने के लिए निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ये अनुरोध तर्कसंगत प्रतीत होते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को विशेष जज का कार्यकाल मामले की सुनवाई पूरी होने और फैसला सुनाए जाने तक बढ़ा दिया था। साथ ही विशेष जज को नौ महीने के भीतर फैसला सुनाने के लिए भी कहा है। हालांकि, राज्य सरकार ने इस संबंध में अभी आदेश जारी नहीं किया है।
ढांचा विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती आरोपी हैं। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व भाजपा सांसद विनय कटियार (Vinay Katiar) एवं साध्वी रितंभरा (Sadhvi Ritambara) पर भी षडयंत्र के आरोप लगाए थे। मामले में तीन अन्य आरोपियों गिरिराज किशोर (Giriraj Kishore), विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल (Ashok Singhal) और विष्णु हरि डालमिया (Vishnu Hari Dalmia) की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।