विमानन सुरक्षा रैंकिंग घटी, डीजीसीए ने शुरू की एयरलाइनों के सुरक्षा इंतजामों की पड़ताल
सुरक्षा इंतजामों की शुरुआत उन एयरलाइनों से की गई है जिन पर वित्तीय दबाव है अथवा जिनकी उड़ानों के साथ अक्सर कोई न कोई वाकया होता रहता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन आइसीएओ की ओर से भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग घटाए जाने के बाद डीजीसीए ने देश की सभी एयरलाइनों के सुरक्षा इंतजामों की नए सिरे से पड़ताल प्रारंभ कर दी है।
इसकी शुरुआत उन एयरलाइनों से की गई है जिन पर वित्तीय दबाव है अथवा जिनकी उड़ानों के साथ अक्सर कोई न कोई वाकया होता रहता है। ऐसी एयरलाइनों में जेट एयरवेज, इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट के नाम शामिल हैं।
इसके बाद सुरक्षा के लिहाज से बेहतर रिकार्ड वाली तथा अपेक्षाकृत कम उड़ाने भरने वाली शेड्यूल्ड एयरलाइनों का आडिट होगा। इस श्रेणी में विस्तारा, गो एयर, एयर एशिया इंडिया के अलावा एयर ओडिशा, डेक्कन चार्टर्स जैसी अपेक्षाकृत नई व छोटी एयरलाइने आती हैं। देश में फिलहाल कुल 15 शेड्यूल्ड एयरलाइने हैं।
डीजीसीए ने एयरलाइनों का सुरक्षा ऑडिट 21 सितंबर को एयर इंडिया की मुंबई-जयपुर फ्लाइट में एयर प्रेशर की समस्या पैदा होने के बाद शुरू कर दिया था। उस घटना के बाद नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने डीजीसीए को सभी एयरलाइनों के सुरक्षा इंतजामों की पड़ताल के निर्देश दिए थे।
हालांकि उसके बाद भारतीय विमानन सुरक्षा तंत्र पर सवाल उठाने वाली कई और घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें एयर इंडिया की दिल्ली-न्यूयार्क फ्लाइट में सारे सिस्टम फेल होने की घटना शामिल है। यही नहीं, इसी बीच आइसीएओ की रैंकिंग भी आ गई जिसमें भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग को घटाकर नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों से भी नीचे कर दिया गया है।
आइसीएओ द्वारा भारत की रैंकिंग घटाए जाने के बाद सरकार को इस बात की चिंता सता रही है कि यदि यही हालात रहे तो अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) भी भारत की रैंकिंग घटा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो भारतीय एयरलाइनों को अमेरिका के लिए नई उड़ाने शुरू करने से रोका जा सकता है। इससे पहले 2014 में ऐसा हो चुका है। जब एफएए ने भारत की रैंकिंग घटा दी थी।
आइसीएओ द्वारा रैंकिंग में कमी के बाद डीजीसीए के कामकाज और प्रक्रियाओं का ऑडिट करने के लिए एफएए की टीम जुलाई में भारत आई थी। तब टीम ने कई सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े किए थे और सुधार को कहा था।
डीजीसीए द्वारा एयरलाइनों के ऑडिट में जिन चीजों की जांच की जा रही है उनमें सबसे बड़ी जांच एयरलाइनों द्वारा कर्मचारियों को दिये जाने वाले प्रशिक्षण और विमानों के रखरखाव व मरम्मत संबंधित सुविधाओं की है।