यासीन भटकल का नहीं मिला सुराग
मुंबई। इंडियन मुजाहिदीन के सरगना यासीन भटकल और उसके तीन सहयोगियों की सूचना देने वाले को दस लाख रुपये देने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र एटीएस को एक हफ्ते में 40 से ज्यादा फोन कॉलें की गईं। हालांकि ठोस सुराग न मिलने से पुलिस कुछ हासिल नहीं कर सकी। पुलिस के मुताबिक, पुणे से फोन करने वाले एक शख्स ने कहा कि उसने वांछितों में
मुंबई। इंडियन मुजाहिदीन के सरगना यासीन भटकल और उसके तीन सहयोगियों की सूचना देने वाले को दस लाख रुपये देने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र एटीएस को एक हफ्ते में 40 से ज्यादा फोन कॉलें की गईं। हालांकि ठोस सुराग न मिलने से पुलिस कुछ हासिल नहीं कर सकी।
पुलिस के मुताबिक, पुणे से फोन करने वाले एक शख्स ने कहा कि उसने वांछितों में एक असदुल्ला अख्तर जावेद अख्तर से मिलते-जुलते शख्स को कुछ दिन पहले यहां देखा था। सूचना देने वालों ने दावा किया कि उन्होंने बम धमाकों में वांछित इन संदिग्धों से मिलते-जुलते लोगों को बस स्टॉप और रेलवे स्टेशनों पर देखा है। लेकिन एटीएस कर्मी किसी सटीक जानकारी के बगैर कुछ हासिल नहीं कर पाए। एटीएस के नंबरों की तस्दीक के लिए तयशुदा नंबरों पर करीब 60 मिस्ड कॉलें भी आईं।
गौरतलब है कि एटीएस ने 12 फरवरी को यासीन भटकल, तहसीन अख्तर, वसीम अख्तर शेख, जावेद अख्तर और वकास उर्फ अहमद की गिरफ्तारी के लिए अहम सूचना देने वाले को दस लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। इन सभी को 13 जुलाई 2011 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार धमाकों में शामिल बताया गया है। ओपेरा हाउस, झवेरी बाजार और दादर वेस्ट में हुए इन धमाकों में 27 मारे गए थे और 130 से ज्यादा घायल हुए थे। मामले में पांच को गिरफ्तार कर पुलिस विशेष मकोका अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है।
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