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देश में फिर बनने लगा विनाशकारी डेल्टा लहर से ठीक पहले वाला माहौल, मास्क उतरे और शुरू हुई राजनीतिक रैलियां

अगले साल कई राज्यों में चुनाव होने हैं और इसको लेकर राजनीतिक रैलियां भी शुरू हो गई हैं। इन रैलियों में बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क लगाए या मास्क को ठोड़ी तक खिसकाए नजर आते हैं ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 07:07 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 07:12 PM (IST)
देश में फिर बनने लगा विनाशकारी डेल्टा लहर से ठीक पहले वाला माहौल, मास्क उतरे और शुरू हुई राजनीतिक रैलियां
विज्ञानियों ने चेताया, मास्क का घटता उपयोग पड़ सकता है भारी

नई दिल्ली, रायटर। देश में कोरोना महामारी के घटते मामलों के साथ ही लोगों के चेहरे से मास्क भी उतरने लगे हैं। सामाजिक और राजनीतिक आयोजन भी होने लगे हैं। लोग बिना मास्क लगाए एक दूसरे के पास जाने से अब हिचकिचा भी नहीं रहे और यही खतरे की घंटी है। विज्ञानी चेता रहे हैं और बता रहे हैं कि मास्क का कम होता उपयोग भारी पड़ सकता है।

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अगले साल कई राज्यों में चुनाव होने हैं और इसको लेकर राजनीतिक रैलियां भी शुरू हो गई हैं। इन रैलियों में बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क लगाए या मास्क को ठोड़ी तक खिसकाए नजर आते हैं। माहौल कुछ-कुछ वैसा ही बनने लगा है जैसा विनाशकारी डेल्टा लहर यानी महामारी की दूसरी लहर से ठीक पहले था। ऐसा तब है जब कि देश में ओमिक्रोन की भी आमद हो गई है और अब तक तेजी से फैलने वाले इस वैरिएंट के 38 मामले भी मिल चुके हैं।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल ने हाल ही में प्रेस कांफ्रेंस में चेताया था कि मास्क के उपयोग का घटता ग्राफ भारी पड़ सकता है। मास्क एक सार्वभौमिक वैक्सीन है जो हर वैरिएंट पर काम करती है।

वर्तमान में लगभग 59 प्रतिशत लोग पहन रहे हैं मास्क

इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन के आंकड़ों के मुताबिक मास्क का उपयोग दूसरी लहर से पहले मार्च के स्तर पर पहुंच गया है। वर्तमान में लगभग 59 प्रतिशत लोग मास्क पहन रहे हैं। दूसरी लहर ने तबाही मचानी शुरू की तो मास्क का उपयोग भी बढ़ गया और मई तक यह 81 प्रतिशत तक पहुंच गया।

कोरोना से बचाव के लिए नियमों की सख्ती का किया जाए पालन

विशेषज्ञ कहते हैं कि दोबारा वैसी स्थित नहीं आए इसलिए जरूरी है कि मास्क का उपयोग जारी रखा जाए। कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए और जहां तक संभव हो शारीरिक दूरी को भी बनाए रखा जाए।


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