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एशियाड खेलों में शामिल न करने पर एथलीट प्राची और छवि पहुंची सुप्रीमकोर्ट

न्यायमूर्ति एसए बोबडे व न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने खिलाडि़यों के वकील श्याम दीवान और डीके गर्ग की दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी किये।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 07:48 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 08:25 PM (IST)
एशियाड खेलों में शामिल न करने पर एथलीट प्राची और छवि पहुंची सुप्रीमकोर्ट
एशियाड खेलों में शामिल न करने पर एथलीट प्राची और छवि पहुंची सुप्रीमकोर्ट

माला दीक्षित, नई दिल्ली। चार गुणा चार सौ मीटर रिले दौड़ में भाग लेने वाली उत्तर प्रदेश की एथलीट प्राची और छवि सारस्वत ने 18 अगस्त से जकार्ता मे शुरू होने वाले एशियाड खेलों में भाग लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दोनों ने उनसे कम रैंक की खिलाडि़यों को एशियाड में भाग लेने वाली एथलीटों की अंतिम सूची में शामिल करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से उनका नाम सूची में शामिल कराने की गुहार लगाई है। कोर्ट ने प्राची और छवि की याचिका पर केन्द्र सरकार और एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट इस मामले में गुरुवार को फिर सुनवाई करेगा।

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न्यायमूर्ति एसए बोबडे व न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने खिलाडि़यों के वकील श्याम दीवान और डीके गर्ग की दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी किये। दीवान ने प्राची और छवि के साथ अन्याय होने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों एथलीटों ने कई पुरुस्कार जीते है, लेकिन उन्हें एशियाड खेलों में भाग नहीं लेने दिया जा रहा।

दीवान ने कहा कि गुवाहाटी में हुई 58वीं नेशनल इंटर स्टेट सीनियर एथलीट चैम्पियनशिप में चार गुणा चार सौ मीटर दौड़ में महिला एथलीट की तैयार अंतिम सूची में प्राची तीसरे स्थान पर और छवि चौथे स्थान पर थी। एथलीट फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से 26 से 29 जून के बीच गुवाहाटी मे कराई गई 400 मीटर की हीट रेस प्राची ने 52.98 सेकेंड और छवि ने 53.22 सेकेंड में पूरी की थी और दोनों को एथलीट की तैयार अंतिम चयन सूची में शामिल किया गया था।

एशियाड में भाग लेने की सूची में कुल 8 एथलीट शामिल थे। जिनमें से 2 महिला एथलीट को 400 मीटर दौड़ में भाग लेना था, चार महिलाओं को 4 गुणा 400 मीटर रिले दौड़ में हिस्सा लेना था जबकि दो महिला एथलीट रिजर्व में थीं, लेकिन दुर्भाग्य से फेडरेशन ने एथलीटों की जो फाइनल सूची प्रकाशित की उसमें इन दोनों खिलाडि़यों के नाम नहीं थे।

सूची में तीन नई महिला एथलीटों के नाम शामिल थे जबकि उन तीनों ने फाइनल रेस में हिस्सा भी नहीं लिया था। इतना ही नहीं फेडरेशन ने 30 जून को एक नया नियम निकाल दिया जिसमें कहा गया कि जिन महिला एथलीटों ने एथलीट फेडरेशन आफ इंडिया द्वारा आयोजित नेशनल प्रशिक्षण कैंप में भाग नहीं लिया है उन्हें 18 अगस्त से होने वाले एशियाड खेलों में भाग लेने की इजाजत नहीं होगी। दीवान ने कोर्ट से कहा कि दोनों एथलीटों के साथ अन्याय हुआ है उनका नाम अंतिम चयन सूची में शामिल कराया जाए।


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